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राजनीति

सुप्रीम कोर्ट ने छग के प्रमुख अधिकारियों को जारी किया नोटिस- 10 अक्टूबर तक माँगा जवाब

पीठ ने इन सभी अधिकारियों से 10 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है.

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

सर्वोच्च न्यायलय ने छत्तीसगढ़ शासन के एक याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के कुछ अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब माँगा है. अपनी सुनवाई में शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता, सरकारी अधिकारी अशोक चतुर्वेदी को राहत भी प्रदान की है। जिन अधिकारीयों को अदालत ने नोटिस जारी किया है, उनमें राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस सुब्रत साहू, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, रायपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी तथा मुख्य सचिव के उप सचिव शामिल हैं। पीठ ने इन सभी अधिकारियों से 10 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है.

सर्वोच्च न्यायलय की युगल पीठ के दो न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली ने याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने अशोक चतुर्वेदी से कहा कि आपके पास पहले उच्च न्यायलय जाने का विकल्प मौजूद था तो फिर आप सुप्रीम कोर्ट क्यों आए? ऐसे छोटे-छोटे मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी तो प्रकरणों की संख्या अनावश्यक रूप से बढ़ जाएगी। इस पर अशोक चतुर्वेदी ने कहा कि वे अठारह बार हाईकोर्ट गए,और उन्हें वहां से उन्हें थोड़ी राहत भी मिली। लेकिन उस राहत का शासन स्तर पर कोई असर नहीं दिखा। यहाँ तक कि कोर्ट के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई कार्रवाई भी नहीं की। नतीजा यह हुआ कि उन्हें अभी भी प्रशासन के कुछ अधिकारियों द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। उनके निवास पर पुलिस भेजी जाती है और उनसे पूछताछ की जाती है. इससे परिवार में भय और डर का माहौल है। बार-बार प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई होने से वे भी स्वयं को प्रताड़ित महसूस करते हैं. इसी आधार पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर, उनके द्वारा की जा रही प्रताड़ना पर रोक लगाएं। इसके बाद दोनों जजों ने सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब माँगा है।

शीर्ष अदलात की नोटिस में आईएएस सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक, रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी तथा सीएम के उप सचिव चतुर्वेदी की कथित प्रताड़ना के मामले में उनका पक्ष जानने के लिए 10 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। गौर तालाब है कि अशोक चतुर्वेदी ने इस पूरी प्रताड़ना से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट में धारा 482 के तहत एक याचिका दायर की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है।

श्री चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि वर्तमान सरकार के कुछ अधिकारी उनको भाजपा समर्थित अधिकारी मानते हुए, अपने ट्वीट संदेशों में निशाना बनाते हैं.श्री चतुर्वेदी ने शीर्ष अदालत में कहा कि वे एक सरकारी अधिकारी हैं, और कुछ अन्य अधिकारियों के अनुसार व्यवहार नहीं करते, इसलिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. गौरतलब है कि अशोक चतुर्वेदी फिलहाल पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग में संयुक्त आयुक्त है. उनके खिलाफ पिछले वर्ष में पुलिस ने अनियमितता के कथित मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की थी, जिसमें उनके खिलाफ जांच भी चल रही है।

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