खबर हटके

इस चमत्कारी मंदिर में आराधना करने आते हैं भालू…

MysteriousTemple: माता चंडी के इस मंदिर में आराधना करने आते हैं भालू, आरती के बाद खाते हैं प्रसाद

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

MysteriousTemple :

भारत में नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान मंदिरों में मां के दर्शन और दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। देश में शक्ति के प्रतीक देवी दुर्गा के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं। आज हम आपको एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे जहां देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए भालू आते हैं। आपको शायद इस बात पर यकीन न हो, लेकिन यह बिल्कुल सच है।

देवी का यह मंदिर छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़ चंडी देवी मंदिर) में स्थित है। यहां प्रतिदिन भालू (छत्तीसगढ़ में भालू मंदिर) मां के दर्शन करने आते हैं। भालू का पूरा परिवार पूजा के लिए मंदिर आता है और आरती के बाद प्रसाद लेने के बाद ही। इन मंदिरों की चर्चा पूरे देश में होती है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के इस प्राचीन मंदिर के बारे में…

माता चंडी का यह प्राचीन मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के घुंचपाली गांव (घुंचपली, महासमुंद) में स्थित है। इस मंदिर में भक्तों की काफी आस्था है। कहा जाता है कि पहाड़ी पर स्थित माता चंडी का यह मंदिर 150 साल पुराना है। यहां हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

देवी मंदिर के दर्शन करने वाले भालू भी माता चंडी के बेहद खास भक्तों में शामिल हैं। इस मंदिर में माता चंडी के दर्शन करने भालू आते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भालू किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। भालू मंदिर में आते हैं और दर्शन करने के बाद प्रसाद लेकर चले जाते हैं।

आरती के समय आते हैं भालू

कहा जाता है कि आरती के समय भालू मंदिर पहुंचते हैं और मूर्ति की परिक्रमा करते हैं। इसके बाद वह प्रसाद ग्रहण करते हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि कभी-कभी पुजारी उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाते हैं। मंदिर में आने वाले लोगों का कहना है कि मंदिर में आने वाले भालू पालतू जानवरों की तरह दिखते हैं। वह सीधा देखता है और प्रसाद लेकर जंगल में चला जाता है।

PHOTO – @SOCIALMEDIA

तंत्र साधना करते थे साधू

ग्रामीणों का मानना ​​है कि भालू जामवंत के परिवार से हैं और वह देवी का भक्त है। उनका कहना है कि भालुओं ने आज तक कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। यह प्राचीन मंदिर कभी तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध था। यहां साधु और महात्मा तंत्र साधना करते थे। लेकिन 1950-1951 के दौरान इस मंदिर को आम जनता के लिए खोल दिया गया। लोगों का दावा है कि अपने दम पर माता चंडी की मूर्ति को बढ़ाया जा रहा है।

 

Buland Hindustan

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Avatars of lord shiva Stationery essential that every student must have MAANG TIKKA Benefits of curd गणेश जी को अर्पित करे ये चीज़ Most Mysterious Places In India 10 Greatest Lamborghini cars ever made शुक्रवार के दिन करे यह 10 उपाय 10 unusual fruits