जनसंपर्क विभाग का ‘अमर सपूत’! राज्य बनने से अब तक रायपुर में जमे संजीव तिवारी

हर सरकार में मलाईदार पद पर कायम रहने का कमाल
मनोज पांडेय मो. 6265226298
रायपुर | छत्तीसगढ़ में जहां सरकारें बदलती रहीं, मंत्री और सचिव बदलते रहे, लेकिन जनसंपर्क विभाग का एक नाम हर दौर में जस का तस बना रहा – संजीव तिवारी। राज्य के गठन से पहले से रायपुर में पदस्थ यह अधिकारी अब तक दो दशक से भी अधिक समय से एक ही विभाग और लगभग एक ही जगह पर जमे हुए हैं।
सूत्र बताते हैं कि तिवारी ने न सिर्फ अपनी कुर्सी अडिग रखी, बल्कि विभाग के भीतर ऐसा “सिस्टम” खड़ा कर लिया है, जिसे न कांग्रेस सरकार हिला सकी, न भाजपा शासन छू सका।

जनसंपर्क की इमारत में स्थायी किरायेदार! बदलते शासन का भी नहीं असर
राज्य बनने के बाद से जनसंपर्क विभाग में कई सचिव आए और गए, लेकिन संजीव तिवारी हर बार यथावत बने रहे। कांग्रेस के शासनकाल में भी वे वहीं थे, और भाजपा सरकार के लौटने के बाद भी जनसंपर्क भवन से उनका नाम हटाना असंभव साबित हुआ।
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ‘ट्रांसफर तो दूर, तिवारी को जनसंपर्क भवन से दूसरी बिल्डिंग तक भेजना भी नामुमकिन साबित हुआ है।’ यानी यह सिर्फ पदस्थापना नहीं, बल्कि स्थायित्व की मिसाल बन चुके हैं।
हर सरकार में ‘मलाई’, हर तंत्र में पकड़
सूत्रों का दावा है कि तिवारी ने वर्षों की सेवा के दौरान ऐसा प्रशासनिक और मीडिया नेटवर्क तैयार कर लिया है, जो उन्हें किसी भी राजनीतिक मौसम में सुरक्षित रखता है। उनका यह नेटवर्क फाइलों, नोटशीट्स और मीडिया प्रबंधन तक फैला हुआ है।
सरकारें बदलती हैं, लेकिन तिवारी का “सिस्टम” कायम रहता है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया – संजीव तिवारी की खासियत यह है कि वे हर सत्ताधारी दल के लोगों को यह भरोसा दिलाने में सफल रहते हैं कि वे उनके हित में काम कर रहे हैं। यही वजह है कि वे किसी भी क्लीन-अप ड्राइव की चपेट में नहीं आते।
‘सिस्टम’ के रहस्य में सब नाकाम
जनसंपर्क विभाग के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, तिवारी ने अपने अधीनस्थों और ठेकेदारों के साथ एक खास कार्यप्रणाली (सिस्टम) बना रखी है। यह सिस्टम इतना मजबूत है कि कोई इसकी तह तक नहीं पहुंच पाता, और जो पहुंचने की कोशिश करता है, उसे किनारे कर दिया जाता है। कहा जाता है कि यह सिस्टम ही उनकी असली ताकत है, जिससे वे हर सरकार में अदृश्य पर प्रभावशाली बने रहते हैं।

विष्णुदेव सरकार की परीक्षा – क्या ‘यह कुर्सी’ (संजीव तिवारी) अब हिलेगी?
– मुख्य सचिव विकास शील और नवनियुक्त जनसंपर्क सचिव डॉ. रोहित यादव के आने के बाद विभाग में फेरबदल की चर्चा तेज़ है।
– अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या नई प्रशासनिक टीम संजीव तिवारी की स्थायी जड़ें उखाड़ पाएगी, या फिर यह ‘स्थायी व्यवस्था’ नई सरकार में भी ज्यों की त्यों बनी रहेगी?
– अगर ऐसा हुआ, तो यह सिर्फ एक अधिकारी का नहीं, बल्कि राज्य प्रशासन की साख का भी सवाल बन जाएगा।