Winter Sleep: कभी सोचा है सर्दियों में आखिर क्यों ज़्यादा आती है नींद
Winter Sleep: कभी सोचा है सर्दियों में आखिर क्यों ज़्यादा आती है नींद
PUBLISHED BY-PIYUSH NAYAK
ठंड के मौसम में गरमागरम रज़ाई में घुसकर नींद लेने का मज़ा ही कुछ और होता है। जैसे ही तापमान में गिरावट शुरू होती है, हम सभी का मन घर में बंद होकर नींद लेने का करने लगता है। इस दौरान धूप भी कम निकलती है, जिसकी वजह से हम बाहर जाने की जगह घर में हीटर के आगे बैठकर चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं। हालांकि, ऐसा सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता, सर्दी में हम सभी आलसी हो जाते हैं, और खूब नींद भी आती है। दरअसल, सर्दी का मौसम हमारे सर्कडियन लय को प्रभावित करता है।
सर्दी के मौसम में क्यों ज़्यादा आती है नींद?
सर्कडियन स्लीप साइकल हमारे शरीर की प्रोग्रामिंग है, जो हमें बताती है कि कब सोना है और कब उठ जाना है। मनुष्य आमतौर पर तब सोते हैं जब अंधेरा हो जाता है और धूप नहीं निकलती, वहीं सुबह के समय एक्टिव होते हैं। अंधेरा स्लीप हॉर्मोन, मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो हमारी नींद को नियंत्रित करता है। वहीं, रोशनी इस प्रोसेस को धीमा करती है। हालांकि, सर्दी के मौसम में दिन छोटे होते हैं, सेरोटोनिन हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे घबराहट और
अवसाद बढ़ता है। हमारा शरीर इसी वजह से धीमा पड़ने लगता है। मेलाटोनिन हमारी आंखों में मौजूद फोटोरिसेप्टर सेल्स के अनुसार काम करता है। जैसे ही हमारे दिमाग तक यह बा पहुंचती है कि रोशनी कम हो रही है, मेलोटोनिन का स्तर बढ़ता है और हमें नींद आने लगती है।