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अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन का विशेष महत्व होता है। यह गणेश चतुर्थी के 10वें दिन आता है, जब भक्त अपने घरों में स्थापित गणपति बप्पा की प्रतिमा का विधिपूर्वक विसर्जन करते हैं। विसर्जन का अर्थ है गणपति जी को जल में विदा करना, जिससे यह संदेश मिलता है कि जीवन में हर चीज का एक चक्र होता है और परिवर्तन अनिवार्य है।
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विसर्जन की प्रक्रिया में गणपति की प्रतिमा को नदी, तालाब या समुद्र में श्रद्धापूर्वक प्रवाहित किया जाता है। विसर्जन से पहले भक्त गणपति बप्पा की आरती, पूजा और प्रार्थना करते हैं। वे यह संकल्प लेते हैं कि अगले वर्ष फिर से बप्पा का स्वागत करेंगे, और इसी के साथ जयकारे लगाते हैं जैसे:
- “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!”
यह समय भावनात्मक और उल्लास से भरा होता है, जब लोग अपने प्रिय देवता को विदा करते हुए अपने मन में उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
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गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ… अनंत चतुर्दशी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान गणेश जी से प्रार्थना है कि आप सभी को सुख, शांति और समृद्धि व खुशहाल जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें।