रायपुर । कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नगर निगम रायपुर और यातायात पुलिस ने मिलकर एक ऐसे एम्बुलेंस-ग्रीन कॉरिडोर की योजना तैयार की है, जिसके माध्यम से मरीजों को अस्पताल शिफ्ट करने के दौरान एम्बुलेंस को निर्बाध रास्ता प्राप्त होगा। जी.पी.एस. इनेबल्ड एम्बुलेंस से संदेश प्राप्त होते ही रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित कमांड और कंट्रोल सेंटर से जुड़े सभी सिग्नल जंक्शन पर पहुंचते ही सिग्नल ऑटोमेटिक ग्रीन होकर एम्बुलेंस को मार्ग देंगे।
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध संचालक अबिनाश मिश्रा के अनुसार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने त्वरित सेवा प्रदान करने एक ऐसी स्वचलित प्रणाली तैयार की गई है, जिसमें जी.पी.एस. इनेबल्ड 108-एम्बुलेंस से संदेश प्राप्त होते ही कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सिग्नल ग्रीन हो जाएंगे। इससे एम्बुलेंस न्यूनतम समय में गंतव्य अस्पताल तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने बताया की पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर में सेवा दे रहे 108 से जुड़े एम्बुलेंस को इससे जोड़ा गया है और आगे चलकर दूसरे जिलों व निजी व शासकीय अस्पतालों से संबद्ध एम्बुलेंस को भी इससे जोड़ा जाएगा। आवागमन व सिग्नल रेड होने के कारण एम्बुलेंस को विलंब न हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई है। दूसरे एम्बुलेंस भी इस सेवा की आपातकालीन जरूरत होने पर अपने जीपीएस ऑन कर उस पर लगे बटन से ग्रीन कॉरिडोर का अनुरोध भेज सकेंगे।
एम.डी. श्री मिश्रा ने इस पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया कि जीपीएस इनेबल्ड एम्बुलेंस की लाइव लोकेशन और ऑन-ऑफ ड्यूटी स्थिति संबंधी डाटा एपीआई के माध्यम से आईटीएमएस के सेंट्रल कमांड सेंटर तक पहुंचेगी। इससे जुड़े ए.टी.एस. सिस्टम रियल टाईम की जानकारी कमांड सेंटर तक जैसे ही देंगे। एम्बुलेंस के सिग्नल जंक्शन के 250 फीट की सीमा पर पहुंचते ही सिग्नल ग्रीन हो जाएगा। एम्बुलेंस-ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा से एम्बुलेंस की यात्रा का समय कम होगा और आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों के गंतव्य तक त्वरित गति से पहुंचाने में सुविधा होगी। अंगदान संबंधी स्थितियों में भी ग्रीन कॉरिडोर की भूमिका अहम होगी और स्वचलित व्यवस्था होने से कम पुलिस कार्य बल की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि विलंब से मिलने वाली चिकित्सा सहायता के कारण होने वाले मौतें भी इस सेवा के शुरू होने से कम करने में मदद मिलेगी।