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Holi colour : केमिकल रंगों को करें बाय-बाय, ऐसे बनाएं हर्बल कलर !

PUBLISHED BY – LISHA DHIGE

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Holi colour : होली का मतलब है रंगों के साथ ढेर सारी मस्ती। लेकिन होली का यह मजा तब भारी पड़ जाता है जब केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि इस नुकसान को रोकने के लिए होली में हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन रंगों को घर पर बनाना भी आसान है। रंग बनाने के लिए फूलों, सब्जियों, मसालों और पत्तियों का उपयोग किया जाता है। हम आपको होली के लिए हर्बल रंग बनाने के आसान तरीके बताएंगे।

होली में लाल रंग बनाने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा करने के लिए सबसे पहले चुकंदर को छीलकर काट लें। फिर गर्म पानी में उबाल लें। उबले हुये पानी को छान कर ठंडा कर लीजिये, लाल रंग तैयार है. अगर गाढ़ा रंग चाहिए तो बचे हुए चुकंदर को पीसकर पानी में मिला दें, रंग गाढ़ा हो जाएगा। वहीं अगर आप गुलाबी रंग तैयार करना चाहते हैं तो चुकंदर को पहले से ज्यादा पानी में उबाल लें, उसका रंग गुलाबी हो जाएगा. बच्चे स्प्रे गन में भरकर भी इन रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रंग पूरी तरह से सुरक्षित है, अगर यह आंखों में चला भी जाए तो कोई नुकसान नहीं है।

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Holi colour
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पीला रंग बनाने के लिए किचन में मौजूद हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी को इतना पीला बनाने के लिए आप हल्दी का एक टुकड़ा पीसकर या पिसी हुई हल्दी को पानी में उबाल कर पीला रंग तैयार कर सकते हैं। वहीं अगर आप हल्दी से सूखा रंग या गुलाल बनाना चाहते हैं तो हल्दी को अरारोट, मैदा या आटे में मिलाकर गुलाल और सूखा रंग बना सकते हैं. जब इन रंगों को चेहरे पर लगाया जाएगा तो नुकसान पहुंचाने के बजाय कई फायदे होंगे।

फूल का उपयोग केसरिया रंग बनाने के लिए किया जाता है। इस पेंट को बनाने में पलाश और गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। पलाश के सूखे फूलों को गर्म पानी में उबाल लें या रात को बाल्टी में भिगोकर रख दें और सुबह छान लें। इसी के साथ केसरिया रंग से भरी बाल्टी तैयार की जाती है.

Holi colour
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हरा गुलाल बनाने के लिए नीम की सूखी और पिसी हुई पत्तियों को गुलाल के रूप में पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इससे मेहंदी के पत्तों से हरा रंग भी तैयार कर सकते हैं। मेहंदी के पत्तों को पीसकर महीन कपड़े से छान लें और उसमें पानी मिलाकर खूब होली खेलें। इसे आटे में मिलाकर गुलाल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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