
PUBLISHED BY- PIYUSH NAYAK
मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी बिजली दफ्तर का घेराव करेगी। दोपहर के वक्त सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को लेकर खुद पूर्व मंत्री राजेश मूणत सड़क पर उतरेंगे। रायपुर के गुढ़ियारी स्थित बिजली दफ्तर का घेराव नेता करेंगे। भाजपा बिजली बिल में बढ़ोतरी, सुरक्षा निधि के नाम पर हो रही वसूली का विरोध कर रही है।

राजेश मूणत ने बताया कि पूरे प्रदेश में और रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में भी बिजली में मनमानी कटौती हो रही है। जनता बिजली बिल में बढ़ोतरी, सुरक्षा निधि के नाम से अवैध वसूली से परेशान है। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने शहर के सभी मंडलों से मोटरसाइकिल रैली की शक्ल में नेता गुढ़ियारी पहुंचेंगे।

निकलेगी बाइक रैली
इस विरोध प्रदर्शन में युवा मोर्चा की ओर से पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। दोपहर 12 बजे युवा मोर्चा की रैली निकलेगी, जो तात्यापारा मंडल रामदरबार चौक से, डीडी नगर मंडल दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम से,रामसागरपारा मंडल भारत माता चौक से रैली के रूप में निकलेंगे और गुढ़ियारी स्थित पहाड़ी चौक में एकत्रित होकर बिजली दफ्तर का घेराव करेंगे।
पूरे प्रदेश में चल रहा आंदोलन
पूरे प्रदेश में अलग-अलग तारीखों पर भाजपा ने ये विरोध प्रदर्शन बिजली के मुद्दे पर किया है। बस्तर जिले में भी हाल ही में ऐसा विरोध प्रदर्शन हुआ था। युवा मोर्चा के नेताओं ने पिछले सप्ताह किलेपाल विद्युत मंड़ल कार्यालय का घेराव किया था। युवा मोर्चा के सदस्यों ने कोडेनार के बाजार से पैदल यात्रा निकालकर किलेपाल विद्युत मंड़ल कार्यालय पहुंचकर घेराव किया था।
कांग्रेस ने बताया है नौटंकी
बिजली बिल को लेकर भाजपा के आंदोलन को कांग्रेस ने भाजपा की नई नौटंकी बताया हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज भी देश की सबसे सस्ती बिजली बिल मिलती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां 400 यूनिट तक बिजली का दाम आधा लगता है।

कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश सरकार में 2 बार बिजली के दामों में कटौती की गई है। राज्य में घरेलू बिजली के दामों के साथ उद्योगो की भी बिजली के दामों बढ़ोत्तरी मात्र कुछ पैसो की तब की गयी थी जब मोदी सरकार ने विद्युत निर्माण कंपनी को महंगा, विदेशी कोयला उपयोग का फरमान जारी किया। रमन सरकार ने 15 साल में 14 बार बिजली के दाम बढ़ाया था। जिसमें 5 बार तो वी.सी.ए के नाम पर बिजली के दाम बढ़ाए गए थे।