केजरीवाल सरकार के लिए आयी नई मुश्किल!
केजरीवाल सरकार के लिए नई मुश्किल! LG ने बिजली सब्सिडी की जांच के दिए आदेश
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
दिल्ली सरकार की मुश्किलें इन दिनों कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शराब से लेकर शिक्षा तक के मामलों में जांच बैठाने वाले एलजी वीके सक्सेना ने अब बिजली सब्सिडी मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव को उपभोक्ताओं को डीबीटी के माध्यम से बिजली सब्सिडी का भुगतान कथित रूप से लागू नहीं होने की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
पीटीआई के मुताबिक, इस मामले में एलजी ने मुख्य सचिव से आरोपों की जांच करने को कहा है, जिसके मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी राशि के भुगतान में गड़बड़ी की गई है. एलजी ने मुख्य सचिव से सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। एलजी सचिवालय को मिली शिकायत के बाद दिल्ली में केजरीवाल सरकार की बिजली सब्सिडी योजना में ‘विसंगतियों’ का मुद्दा उठाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
आरोपों पर दिल्ली सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं
गौरतलब है कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने 19 फरवरी 2018 को अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के जरिए उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी हस्तांतरित करने पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने दावा किया है कि प्रख्यात वकीलों और न्यायविदों सहित शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार द्वारा निदेशकों और एक निजी डिस्कॉम की नियुक्ति के बाद एक बड़ा घोटाला हुआ है। आरोपों पर दिल्ली सरकार या डिस्कॉम की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
यह है आरोप
आरोप के मुताबिक आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता और डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह, पार्टी सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता, दोनों को बीआरपीएल और बीवाईपीएल में निदेशक बनाया गया और उन्होंने एक बड़ा घोटाला किया है. मालूम हो कि दिल्ली सरकार बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर बिजली देती है. सरकार द्वारा एक महीने में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है, तो बिजली की खपत पर 201 से 400 यूनिट तक एक महीने में 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं की जगह सरकार इस बिल का भुगतान राज्य के खजाने से करती है।