नक्सलियों ने शांति वार्ता से किया इनकार, केंद्रीय समिति और दंडकारण्य कमेटी का बयान

नक्सलियों की केंद्रीय समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) ने शांति वार्ता की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। सोमवार को जारी संयुक्त प्रेस नोट में दोनों संगठनों ने स्पष्ट किया कि वे हथियार नहीं छोड़ेंगे और किसी भी शांति वार्ता का हिस्सा नहीं बनेंगे।
केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय और DKSZC के प्रवक्ता विकल्प ने बयान में कहा कि पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू ने अभय के नाम से जो पत्र जारी किया था, वह उनका व्यक्तिगत निर्णय था। संगठन का उससे कोई संबंध नहीं है।
सोनू का बयान व्यक्तिगत फैसला
नक्सलियों का कहना है कि सोनू का बयान पार्टी लाइन से अलग है। 17 सितंबर को जारी प्रेस नोट और ऑडियो फाइल में सोनू ने दावा किया था कि माओवादी संगठन परिस्थितियों को देखते हुए हथियार छोड़कर शांति वार्ता के लिए तैयार है। लेकिन केंद्रीय समिति और DKSZC ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है।
शांति वार्ता को लेकर मतभेद
नक्सलियों ने कहा कि बसवा राजू द्वारा किए गए प्रयासों को गलत तरीके से पेश किया गया है। संगठन का मानना है कि शांति वार्ता पर संगठन के भीतर मत जानने का प्रयास, संगठन में विभाजन ला सकता है। उनका कहना है कि हथियारबंद संघर्ष छोड़ना, पार्टी को संशोधनवादी पार्टी में बदलने जैसा होगा।
वायरल प्रेस नोट और ऑडियो पर सफाई
17 सितंबर को अभय के नाम से जारी प्रेस नोट और एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें कहा गया था कि पार्टी अस्थायी तौर पर हथियारबंद संघर्ष रोककर सरकार से संवाद के लिए तैयार है। लेकिन अब नक्सलियों की केंद्रीय समिति और DKSZC ने साफ कर दिया है कि यह पार्टी की ओर से जारी नहीं हुआ था।