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मशहूर गायक जुबिन गर्ग का 52 साल की उम्र में निधन, ‘या अली’ से बनाई थी खास पहचान

नई दिल्ली। मशहूर गायक जुबिन गर्ग का 52 साल की उम्र में अचानक निधन हो गया। एक दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। उनके निधन से संगीत प्रेमियों और फैंस में गहरा शोक है। जुबिन भले ही अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन वे अपने पीछे संगीत की अनमोल विरासत छोड़ गए हैं।जुबिन गर्ग की पारिवारिक पृष्ठभूमिजुबिन गर्ग का जन्म मेघालय के तुरा में एक असमिया ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर मजिस्ट्रेट होने के साथ कवि और गीतकार भी थे, जबकि मां इली बोरठाकुर एक गायिका थीं। प्रसिद्ध संगीतकार जुबिन मेहता से प्रेरित होकर ही उन्होंने अपना नाम रखा। उनकी बहन जोंगकी बोरठाकुर भी सिंगर और एक्ट्रेस थीं, जिनका 2002 में सड़क हादसे में निधन हो गया।

शिक्षा और संगीत करियर की शुरुआत

जुबिन ने तामुलपुर हायर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी की और बी. बरूआ कॉलेज में साइंस में एडमिशन लिया। लेकिन संगीत को करियर बनाने के लिए उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी। 4 फरवरी 2002 को उन्होंने फैशन डिजाइनर गरिमा सैकिया से विवाह किया।उनकी संगीत यात्रा 1992 में शुरू हुई जब उन्होंने एक यूथ फेस्टिवल में गोल्ड मेडल जीता। उसी साल उनका पहला असमिया एल्बम अनामिका आया। इसके बाद जापुनोर जुर (1992), जुनाकी मोन (1993), माया (1994) और आशा (1995) जैसे एल्बम रिलीज हुए। मुंबई जाने से पहले उन्होंने अपना पहला बिहू एल्बम उजान पिरिति लॉन्च किया, जो हिट साबित हुआ।

बॉलीवुड और बंगाली सिनेमा में सफलता

1995 में मुंबई शिफ्ट होने के बाद जुबिन ने इंडीपॉप एल्बम चांदनी रात से शुरुआत की और कई फिल्मों में गाने गाए। उन्होंने दिल से (1998), डोली सजा के रखना (1998), फिजा (2000) और कांटे (2002) जैसी फिल्मों के गानों से पहचान बनाई।बंगाली म्यूजिक इंडस्ट्री में भी उन्होंने मोन, शुधु तुमी, पोरीन जय जोलिया रे और पगली तोरे रखबो एडोर जैसी फिल्मों में गाकर खास पहचान बनाई।

“या अली” से मिली बॉलीवुड में पहचान

2006 में फिल्म गैंगस्टर का गाना या अली उनकी सबसे बड़ी हिट साबित हुआ। इसके लिए उन्हें GIFA बेस्ट प्लेबैक सिंगर अवार्ड भी मिला। इसके बाद उन्होंने कृष 3 का “दिल तू ही बता”, दम मारो दम का “जीना है”, राज 3 का “क्या राज है” और कई अन्य हिट गानों में अपनी आवाज दी।जुबिन गर्ग ने हिंदी, असमिया और बंगाली संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

Buland Hindustan

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