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डेढ़ महीने की निगरानी, शहर पहुंचते ही पुलिस ने दबोचा सटोरियों को

बिलासपुर। महादेव सट्टा एप से जुड़े सटोरियों पर पुलिस की टीम डेढ़ महीने से नजर रखे हुए थी। इस दौरान सटोरिए श्रीलंका, मनाली से शहर में सट्टा चलवा रहे थे। सटोरिए जैसे ही शहर में अपना ब्रांच खोलने पहुंचे दो लोगों को दबोच लिया गया। सटोरियों का सरगना फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है।

पुलिस की टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है।
एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि एसीसीयू की टीम को शहर के सटोरियों द्वारा बाहर से सट्टा चलाने की सूचना मिली थी। इस पर एसीसीयू प्रभारी एएसपी अनुज कुमार के नेतृत्व में टीम सटोरियों पर नजर रखे हुए थी। सटोरिए श्रीलंका और मनाली से एप का संचालन कर रहे थे।

दो सटोरियों के बिलासपुर में आकर ब्रांच खोलने की सूचना पर पुलिस की टीम सक्रिय हो गई। एसीसीयू और सरकंडा पुलिस ने बेलगहना के फारेस्ट कालोनी में रहने वाले दीपक यादव (25) और बाजार पारा बेलगहना निवासी संजय जायसवाल (30) को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपित युवकों ने बताया कि बेलगहना में रहने वाले विकास अग्रवाल ने दुबई जाकर महादेव सट्टा एप के संचालकों से मुलाकात की थी।

उसने एप का पेनल लेकर श्रीलंका में काम शुरू किया। इसके बाद उसने मनाली से सट्टे का कारोबार किया। कुछ दिन पहले ही विकास के कहने पर वे बिलासपुर में ब्रांच खोलने की तैयारी में थे।

इससे पहले ही वे पुलिस की पकड़ में आ गए। फिलहाल सटोरियों का सरगना विकास अग्रवाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

श्रीलंका में ली ट्रेनिंग, पासपोर्ट जब्त

पुलिस की टीम ने अरोपित युवकों के कब्जे से एक पासपोर्ट जब्त किया है। पासपोर्ट से पता चला कि आरोपित श्रीलंका गए थे। उन्होंने श्रीलंका से सट्टे का कारोबार संचालित करने ट्रेनिंग ली थी। इसके अलावा आरोपित युवकों के कब्जे से चार लैपटाप, 27 मोबाइल, 170 से अधिक फर्जी सिम, सात बैंक पासबुक, दो चेक बुक, 19 एटीएम कार्ड, 20 से अधिक बैंक अकाउंट में पांच लाख रूपए से अधिक की राशि जिसे होल्ड कराया गया है। पुलिस की टीम ने दो रजिस्टर जब्त किए हैं। इसमें करोड़ों रूपए का सट्टा का हिसाब दर्ज है।

टेलीग्राम के माध्यम से मिलते हैं कस्टमर

पुलिस की पूछताछ में आरोपित युवकों ने बताया कि दुबई से संचालित हेड आफिस से मुख्य संचालक द्वारा व्हाट्सएप नम्बर पर संपर्क कर 25 से 50 लाख में रेड्डी अन्ना का ब्रांच लेकर आनलाइन गेमिंग-सट्टा का संचालन करते थे। ब्रांच को कस्टमर टेलीग्राम के माध्यम से प्राप्त होते हैं। इसके बाद ग्राहक ब्रांच के व्हाट्सएप नम्बर से संपर्क करते हैं। कस्टमर को ब्रांच से आइडी उपलब्ध कराया जाता है। आइडी के माध्यम से ही आनलाइन सट्टा में शामिल होते है।

ये रहे टीम में शामिल

आनलाइन सट्टा एप चलाने वालों को पकड़ने वाली टीम में एएसपी सिटी उमेश कुमार, एससीसीयू प्रभारी एएसपी अनुज कुमार, एसीसीयू के प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, सरकंडा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग, एएसआइ अजहरुद्दीन, अजय वारे, व्यास नारायण बनाफर, प्रधान आरक्षक देवमुन पुहुप, आरक्षक मुकेश वर्मा, विकास राम, विरेंद्र गंधर्व, सत्या पाटले, प्रशांत शामिल रहे। टीम में शामिल सदस्यों को बेस्ट पुलिस आफिसर का सम्मान दिया जाएगा।

क्रिकेट सटोरियों को मिला अभयदान

एक तरफ पुलिस ने आनलाइन एप के जरिए सट्टा खिलाने वालों को पकड़ लिया है, जबकि दूसरी ओर आनलाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने वालों को अभयदान देकर रखा गया है।

जिले में बेधड़क क्रिकेट सट्टे का खेल हो रहा है, जिसमें हर रोज करोड़ों रूपये भी लग रहे। बीते दिनों आइपीएल में भी जमकर आनलाइन सट्टे का खेल चला और अब टी-20 वर्ल्ड कप में भी क्रिकेट सट्टा जोरो पर चल रहा है और इसे चलाने वाले पुराने और चर्चित खाईवाल ही हैं, फिर भी पुलिस ने उन्हें अभयदान दे रखा है।

Buland Hindustan

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