Titanic Mystery: टाइटैनिक के पास मिला था रहस्यमयी सिग्नल, जाने क्या थे 26 साल पुरानी वो कहानी…
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
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Titanic Mystery : अगर आज तक किसी जहाज के डूबने से जुड़ी कहानियां सबसे ज्यादा आपने सुनी होंगी तो वह टाइटैनिक की ही कहानी होगी। टाइटैनिक जहाज इतना मशहूर है कि उसके ऊपर एक फिल्म भी बन चुकी है। टाइटैनिक जहाज उत्तरी अटलांटिक महासागर में अपनी पहली यात्रा के दौरान ही 1912 में क्षतिग्रस्त होकर डूब गया था।
कहा जाता है की समुद्र की गहराइयों में 4 किमी नीचे टाइटैनिक का मलबा आज भी दो टुकड़ों में मौजूद है। और अब ये मलबा धीरे-धीरे सड़ रहा है। लगभग 26 साल पहले मिले एक सोनार ब्लिप से ये खुलासा हुआ है कि टाइटैनिक जहाज समुद्र की गहराइयों में अकेला नहीं है।
राडार पर दिखी थी बेहद रहस्यमयी चीज़
पीएच नार्गोलेट एक सबमर्सिबल पायलट और गोताखोर भी हैं। नार्गोलेट ने मूल रूप से 1996 में इको साउंडिग उपकरण यानी सोनार के जरिए टाइटैनिक के पास रडार पर बेहद रहस्यमय चीज देखी थी। ये क्या है इसके बारे में आज तक पता नहीं चल सका था।
आपको बता दे की शुरुआत में नार्गोलेट और चार अन्य शोधकर्ताओं ने रहस्यमय वस्तु की खोज से जुड़ा एक अभियान चलाया। नार्गोलेट का मानना था कि Titanic Mystery रडार पर दिखा ब्लिप किसी अन्य जहाज या टाइटैनिक से ही जुड़ा मलबा हो सकता है।
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क्या मिला समुद्र की गहराई में
बताया जाता है की जब ब्लिप की जगह पर खोज की गई तो वहां एक चट्टान मिली। ये चट्टान विभिन्न ज्वालामुखी की संरचनाओं से बनी थी। इस जगह पर झींगा मछलियां, स्पंज और प्रवाल की हजारों प्रजातियां के होने की संभावना है। स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में समुद्री जीव विज्ञान और पारिस्थितिकी के प्रोफेसर मुरे रॉबर्ट्स ने कहा, ‘यह जैविक रूप से आकर्षक है।
इस चट्टान के करीब रहने वाले जीव उन जीवों से बहुत अलग हैं जो रसातल महासागर (Abyssal Ocean) में रहते हैं।’ रॉबर्ट्स के मुताबिक रसातल महासागर एक ऐसी जगह Titanic Mystery को कहा जता है जो पानी के 3 से 4 किमी की गहराई में हो। पृथ्वी का लगभग 60 फीसदी हिस्सा ऐसा है।
शोधकर्ता मान रहे बड़ी खोज
रॉबर्ट्स ने आगे कहा, ‘नार्गोलेट ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। उन्हें लगा था कि ये एक जहाज का मलबा होगा, लेकिन मेरे मुताबिक ये उससे भी बेहतरीन है। समुद्र वैज्ञानिकों के लिए ये किसी खजाने से कम नहीं है।’ आपको बता दे की पत्थर का पता चलने पर भी ये माना जा रहा था कि ये जगह एकदम सपाट और कीचड़युक्त होगी।
लेकिन जब गोताखोर इस जगह पर गए तो उन्होंने पाया कि इस पर चट्टानी संरचना भी बनी हुई है। शोधकर्ता गोते के दौरान चट्टान के करीब लिए गए तस्वीरों ओर वीडियो का विश्लेषण कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये खोज समुद्र के जीवन को लेकर उनकी समझ को और भी ज्यादा बेहतर करेगी।
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