जानें ट्विन टावर पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा?
Twin Tower: अरब में कुतुब मीनार से तुलना, अमेरिका ने की तारीफ, जानें ट्विन टावर पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा?
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
नोएडा में सुपरटेक कंपनी द्वारा बनाए गए ट्विन टावरों को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। भ्रष्टाचार के दोनों भवनों को धराशायी करने में केवल नौ सेकंड का समय लगा। सफाई का काम आज भी जारी है। टावर से मलबा हटाने में तीन माह का समय लगेगा।
इतनी ऊंची इमारतों को गिराने की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी। पड़ोसी देश पाकिस्तान से लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक मीडिया ने इसे कवर किया। कुछ ने इसे भ्रष्टाचार की इमारत बताया और कुछ ने लिखा कि भारत ने कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारत को गिरा दिया।
आइए जानते हैं किस देश की मीडिया ने ट्विन टावर्स के बारे में क्या लिखा?
शुरुआत अमेरिका के वॉशिंगटन पोस्ट से करते हैं.
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने ट्विन टावर्स को गिराए जाने की खबर को कवर किया है। समाचार पत्र ने ‘भारत में कानून का उल्लंघन करने के लिए ध्वस्त किए गए दो ऊंचे टावरों’ शीर्षक के साथ समाचार प्रकाशित किया है। इसमें लिखा है, ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दो अपार्टमेंट टावरों को ध्वस्त कर दिया गया था। इसमें एक 32 और दूसरे में 29 मंजिलें थीं। इन दोनों को नीचे लाने में 3500 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
अल-जजीरा ने कुतुब मीनार से की तुलना
अरब देशों के सबसे प्रतिष्ठित मीडिया संगठन अल जज़ीरा ने भी ट्विन टावर्स के विध्वंस की खबरों को कवर किया है। अल जज़ीरा ने ट्विन टावर्स की तुलना दिल्ली के कुतुब मीनार से की है। इसमें लिखा है, ‘इन ऊंची इमारतों को नियमों के खिलाफ माना जाता था और करीब नौ साल की लंबी लड़ाई के बाद इन्हें ध्वस्त कर दिया गया था।’ अल जज़ीरा ने लिखा, ‘नोएडा के इस ट्विन टावर की ऊंचाई दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ज्यादा थी. यह भी भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का एक दुर्लभ उदाहरण है।
पाकिस्तानी मीडिया ने लिखा, दिल्ली के बाहर अवैध ट्विन टावर को गिराया गया
ट्विन टावर्स को तोड़े जाने की खबर ने पाकिस्तानी मीडिया में भी खूब सुर्खियां बटोरी। पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार द डॉन ने लिखा, ‘दिल्ली के बाहर अवैध ट्विन टावरों को तोड़ा गया’। इस खबर में ट्विन टावर्स की पूरी जानकारी और एक्शन के बारे में बताया गया है। इसमें लिखा है, ‘नोएडा में 100 मीटर ऊंचे ये ट्विन टावर कंक्रीट के बने थे। भ्रष्ट डेवलपर्स और अधिकारियों पर भारत की यह सख्त कार्रवाई एक दुर्लभ उदाहरण है।