रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंह देव ने पंचायत विभाग छोड़ दिया है, बताया जाता है कि वह हड़ताली मनरेगा श्रमिकों की बर्खास्तगी पर अड़े थे, लेकिन ऐसा न करने पर उन्होंने पिछले कुछ महीनों में नियमितीकरण की मांग करते हुए विभाग छोड़ने का फैसला किया। मनरेगा के मजदूर हड़ताल पर चले गए थे, जिससे 3 महीने से काम ठप हो गया था और मजदूरों को करीब 12 सौ करोड़ रुपये की मजदूरी का नुकसान हुआ था.
हाल ही में राजधानी में सीएम भूपेश बघेल के साथ कैबिनेट मंत्रियों की बैठक के बाद वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव देव नाराज बताए जा रहे हैं. उनकी नाराजगी की वजह राज्य में चल रही नौकरशाही और ढाई साल का मुख्य फॉर्मूला रहा है. हालांकि, पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ और कांग्रेस के मंत्री और विधायक आपस में तितर-बितर नहीं हुए, जिससे सिंहदेव चुप हो गए।
लेकिन अंत में बिफरे सिंहदेव को दुख हुआ और उन्होंने राज्य के पंचायत मंत्री पद को अलविदा कहने का फैसला किया और अंबिकापुर से अपना इस्तीफा कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि सिंहदेव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो पंचायत विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभाग उनके पास रहेंगे. सूत्रों की माने तो श्री सिंहदेव ने पंचायत विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि नौकरशाही के चलते मंत्री की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, बाबा के इस्तीफे की खबर से पूरे कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है।