EOW की रेड: अवधेश यादव और जयचंद कोसले सहित बड़े खिलाड़ियों पर शिकंजा

नई दिल्ली। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने रविवार को शराब घोटाला और अवैध कोल लेवी मामलों में एक साथ बड़ी कार्रवाई की। छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में कई ठिकानों पर तलाशी ली गई और महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सामग्री जब्त की गई।
शराब घोटाले में कार्रवाई
शराब घोटाले के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पीए जयचंद कोसले, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी व्यापारी अवधेश यादव सहित अन्य के ठिकानों पर दबिश दी गई। EOW ने दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संपत्ति संबंधी कागजात और नगद जब्त किया।
अवधेश यादव बस्तर के सात जिलों में शराब कारोबार चलाता था और ओवररेट शराब बेचने, तस्करी और मिलावट का आरोप है। EOW की जांच में सामने आया कि उसने 200 करोड़ से ज्यादा का कमीशन कमाया।
जयचंद कोसले पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के करीबी रहे। उन्होंने अवैध कोयला कारोबार से जुड़े 50 करोड़ निवेश का शक झेला।
रिटायर्ड IAS निरंजन दास की गिरफ्तारी
3 दिन पहले EOW ने रिटायर्ड IAS निरंजन दास को गिरफ्तार किया। उन पर शराब सिंडिकेट चलाने और सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने का आरोप है। सिंडिकेट में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर भी शामिल थे।
कोयला घोटाले की जांच
छत्तीसगढ़ में कोल लेवी घोटाले में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। आरोप है कि कोल परिचालन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन किया गया और करीब 570 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई।
शराब घोटाले का मामला
- फरवरी 2019 में शराब सिंडिकेट बना।
- डिस्टलरी से हर महीने हजारों पेटी शराब बेची गई।
- बिना होलोग्राम और सरकारी रिकार्ड में दर्ज किए शराब की सप्लाई।
- बस्तर में अवैध कमीशन और अधिकारियों की पोस्टिंग में हस्तक्षेप।
- अनुमानित घोटाले की राशि 300 करोड़ से ज्यादा।
EOW और ACB की टीम वर्तमान में इन मामलों की विस्तृत जांच कर रही है।