नेपाल सोशल मीडिया बैन से भड़के प्रदर्शन, 20 की मौत, 300 घायल

नेपाल इस समय अपने हालिया इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 8 सितंबर 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम और X (ट्विटर) समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया। इस फैसले के बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। इन प्रदर्शनों में अब तक करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
लोगों का गुस्सा सिर्फ सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं है। भ्रष्टाचार, असमानता और नेताओं के विशेषाधिकारों के खिलाफ पहले से ही नाराजगी थी, और इस रोक ने आग में घी का काम किया। यह घटनाक्रम यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर नियंत्रण अब केवल नेपाल की नहीं, बल्कि दुनिया भर की सरकारों की साझा रणनीति बन चुका है।
दुनिया में सोशल मीडिया पर पाबंदियां
चीन, मिस्र, ईरान, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सीरिया और भारत जैसे कई देशों में राजनीतिक कारणों से सोशल मीडिया पर कड़ी पाबंदियां हैं। कहीं यह रोक अस्थायी होती है, जैसे चुनाव या विरोध प्रदर्शन के दौरान, तो कहीं स्थायी और इसके लिए कड़े कानून बनाए जाते हैं। सरकारें इस कदम को सूचना प्रवाह पर नियंत्रण और फेक न्यूज रोकने का प्रयास बताती हैं, लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल असहमति की आवाज दबाने के लिए भी होता है।
ब्राजील में फेक न्यूज पर कार्रवाई
ब्राजील ने इस साल X (ट्विटर) को अस्थायी तौर पर बैन किया क्योंकि कंपनी देश के एंटी-डिसइन्फॉर्मेशन कानूनों का पालन नहीं कर रही थी। सरकार ने कहा कि टेक कंपनियों को चुनाव और स्वास्थ्य से जुड़ी फेक न्यूज रोकने में और सख्ती करनी होगी।
भारत का टिकटॉक बैन
भारत ने 2020 में टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन किया। सरकार ने डेटा प्राइवेसी और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इन ऐप्स से विदेशी संस्थाओं तक संवेदनशील जानकारी पहुंच सकती है। लाखों यूजर्स अचानक इस लोकप्रिय प्लेटफॉर्म से कट गए।
उत्तर कोरिया का सख्त इंटरनेट कंट्रोल
उत्तर कोरिया में सोशल मीडिया पूरी तरह बैन है। आम लोग सिर्फ “क्वांगमयोंग” नामक सरकारी इंट्रानेट तक सीमित रहते हैं। विदेशी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा मिल सकती है।
खाड़ी देशों में कड़ी निगरानी
सऊदी अरब और यूएई में सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन सरकारें उस पर सख्ती से नजर रखती हैं। यहां शाही परिवार या धार्मिक मूल्यों की आलोचना करने पर गिरफ्तारी और सजा तक हो सकती है।
रूस और तुर्की का नियंत्रण
तुर्की कई बार ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब की स्पीड धीमी कर देता है या उन्हें अस्थायी रूप से ब्लॉक कर देता है। रूस ने “सॉवरेन इंटरनेट” कानून बनाया है, जिससे जरूरत पड़ने पर देश को पूरी तरह इंटरनेट से काटा जा सकता है।