सत्ता के नशे का नया चेहरा: मंत्री केदार कश्यप ने रसोइए को पीटा!

- सियासत गरमाई, मंत्री के इस्तीफ़े की माँग तेज़
- मंत्री केदार के खिलाफ कांग्रेस और ब्राह्मण समाज ने मोर्चा खोला
जगदलपुर। बस्तर की धरती पर सत्ता के नशे का नया चेहरा सामने आया है। जगदलपुर सर्किट हाउस में वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर 20 वर्षों से सेवा दे रहे खानसामे (रसोइया) हितेंद्र पांडे की पिटाई और गालियाँ देने का आरोप लगा है। पीड़ित पांडे पहले से ही पैरालिसिस के मरीज हैं। इस घटना ने न केवल कांग्रेस, बल्कि ब्राह्मण समाज को भी भड़का दिया है। दोनों ने मंत्री के इस्तीफ़े की माँग तेज़ कर दी है।
शनिवार देर शाम हुई इस घटना ने रविवार सुबह तक पूरे प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया। पीड़ित पांडे ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि गेट देर से खुलने पर मंत्री ने उन्हें थप्पड़ मारे और मां-बहन की गालियाँ दीं। मामला सामने आते ही कांग्रेस ने इसे सत्ता के अहंकार और लोकतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन करार दिया।
कांग्रेस ने मंत्री का पुतला फूँका
रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगदलपुर और रायपुर में मंत्री केदार कश्यप का पुतला फूँका, जमकर नारेबाज़ी की और चेतावनी दी कि जब तक केदार कश्यप को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक सड़क से लेकर विधान सभा तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की झड़पें भी हुईं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने तीखा हमला बोला – “भाजपा नेता सत्ता के नशे में चूर हैं। एक लकवा-पीड़ित खानसामे की पिटाई सिर्फ़ अपराध नहीं, समाज का भी अपमान है। मुख्यमंत्री को तुरंत केदार कश्यप को मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।”
इधर, ब्राह्मण समाज ने भी मोर्चा खोलते हुए ऐलान किया –
“बीजेपी राज में ब्राह्मणों का सबसे अधिक उत्पीड़न हो रहा है। अब यह अस्मिता की लड़ाई है और इसे हर हाल में लड़ा जाएगा।”
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा, “मेरी केदार कश्यप से बात हुई है। ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ। कांग्रेस हार से बौखलाकर झूठा प्रचार कर रही है।” स्वयं मंत्री कश्यप ने भी इसे विपक्ष की साज़िश बताया।
घटना की टाइमलाइन
शनिवार शाम: जगदलपुर सर्किट हाउस की घटना
रविवार सुबह: पुलिस में शिकायत दर्ज
रविवार शाम: कांग्रेस का पुतला दहन, ब्राह्मण समाज की नाराज़गी
सोमवार: विपक्ष की विधान सभा घेराव की तैयारी
मंगलवार: रायपुर में मंत्री के बंगले का घेराव घोषित
राजनीतिक असर
विपक्ष: “यह सिर्फ़ पिटाई नहीं, ब्राह्मण समाज का अपमान है।”
भाजपा सरकार: “बेकार का मुद्दा, विपक्ष की साज़िश।”
जनता: सत्ता के अहंकार बनाम सामाजिक अस्मिता की जंग।
- बीजेपी राज में ब्राह्मणों का सबसे अधिक उत्पीड़न हो रहा है। अब अस्मिता की लड़ाई छेड़ी जाएगी।” – ब्राह्मण समाज
- “सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता लकवा पीड़ित खानसामे तक को नहीं छोड़ रहे।” – कांग्रेस
- “ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ, यह विपक्ष की साज़िश है।” – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय