मित्तल को पद का घमंड या अहंकार, अनुभवहीन आयुक्त का कैसा व्यवहार

बुलंद छत्तीसगढ़ (मनोज पाण्डेय मो. 9754750321)
जनसंपर्क विभाग सरकार की छवि को बनाने… सरकार की योजनाओं को आमजन के बीच पहुंचाकर… सरकार और आमजनता के बीच एक सेतु का काम करता है, किंतु जनसंपर्क विभाग में जब से जनसंपर्क आयुक्त डॉ. रवि मित्तल ने कार्यभार संभाला है सरकार की छवि लगातार खराब होती चली जा रही है। अपने अहंकार व अनुभवहीन स्वभाव वाले डॉ. रवि मित्तल ने मानो भाजपा सरकार सहित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को डूबाने की पूरी योजना ही बना ली है, ऐसी चर्चा आम है…
जनसंपर्क विभाग के बने नियमों की धज्जियां उच्च पद पर बैठे आयुक्त ही जब उडाऩे लग जाएं तो भाजपा सरकार का ईश्वर ही मालिक है। चाटुकारिता के मद में डूबे रहने वाले डॉ. रवि मित्तल का चाटुकार प्रेम इतना प्रगाढ़ रहता है कि नियम कानून के तहत जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रदाय करने वाले विज्ञापन बिना नियम कानून के सिर्फ उन्हें ही प्रदान किया जाता है, जो डॉक्टर रवि मित्तल के चरणवंदन करते, उनके चेंबर में बैठे उनकी चाटुकारिता करते उनकी प्रशंसा में कशीदे गढ़ते रहते हैं। भले ही उनके पोर्टल-अखबार-पत्रिका को प्रसारित हुए कुछ माह ही हुए हों।
बुलंद छत्तीसगढ़ विगत 17 वर्षों से लगातार प्रकाशित होने वाला साप्ताहिक समाचार पत्र है, जो आज की तारीख में समाचार पत्र सहित पोर्टल प्लेटफार्म में अपनी दमदार खबर के साथ अपने पाठकों व दर्शकों के बीच अपनी लोकप्रियता को साबित करता आ रहा है, जो चाटुकारिता से नहीं बल्कि अपनी दमदार प्रस्तुति के कारण लोगों की पसंद बन चुका है, जो जनसंपर्क विभाग के सभी मानदंडों को पूरा करता है। बावजूद जनसंपर्क आयुक्त डॉ. रवि मित्तल ने बुलंद छत्तीसगढ़, बुलंद मीडिया, निडर आंखें का विज्ञापन बंद कर अपनी (…) मानसिकता का परिचय दे दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. रवि मित्तल को अपने क्षेत्र जशपुर जिलाधीश पद से हटवाकर सरकार की छवि सुधारने की नियत से जनसंपर्क आयुक्त के पद पर विराजमान कराया, किंतु डॉ. रवि मित्तल सरकार को निपटाने की साजिश रचते उन समाचार पत्र/पत्रिकाओं/पोर्टलों के मालिकों को सरकार के खिलाफ खड़ा करने अपनी मंशा में सफल होते जा रहे हैं… मनमानी करने में माहिर डॉ. रवि मित्तल ने जरा भी विचार नहीं किया कि चौथे स्तंभ को नाराज करने का खामियाजा, सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन चाटुकारिता करने वालों को, जो जनसंपर्क विभाग के मानदंडों को पूरा नहीं करते, लाखों-करोड़ों का विज्ञापन देकर अपना कमीशन तो पक्का कर लेते हैं, किंतु नाराज होने वाले पत्रकारों से सरकार की छवि को सुधारने के लिए, उनकी कलम की धार कैसे तेज करवाएंगे…?
चर्चा है कि जनसंपर्क विभाग में होर्डिंग, एलईडी, समाचार पत्र, पत्रिका सहित पोर्टलों को विज्ञापन देने में कमीशन का खेल जोरों पर चल रहा है… इसकी जांच ईमानदारी सहित निष्पक्षता के साथ हो जाए तो जनसंपर्क विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुलकर सामने आ जाएगी… चर्चा है डॉ. रवि मित्तल ईमानदारी का चोला पहनकर सरकार की धूमिल होती छवि को बिगाडऩे में अहम भूमिका निभा रहे हैं… चर्चा तो यह भी है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जनसंपर्क आयुक्त डॉ रवि मित्तल से खफा भी हैं… सरकार की बिगड़ती छवि में जो सुधार होना था उसमें डॉ. रवि मित्तल फेल हो गए… अब सच क्या है यह तो रवि मित्तल जानें या मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…?