छत्तीसगढ़
Trending

नवाचार, अनुसंधान और विकास से समाज में आएगा सकारात्मक परिवर्तन : राज्यपाल डेका

रायपुर । नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम में ही हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और गरीबी, बीमारी, बेरोजगारी सहित कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। ये उद्गार शनिवार को राज्यपाल रमेन डेका ने रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में व्यक्त किए।

राज्यपाल डेका रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर के तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में 1440 विद्यार्थियों को डिग्री, डिप्लोमा तथा विभिन्न संकायों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 20 से अधिक विद्यार्थियों को चान्सलर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया साथ ही प्रसिद्ध लोकगायक प्रहलाद सिंह तिपानिया और प्रसिद्ध हास्य कवि सुरेन्द्र दुबे को डी.लिट. की मानद उपाधि प्रदान की गई।

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। पालक, शिक्षकों, संस्था और स्वयं की मेहनत से वे आज इस मुकाम पर पहुंचे है। आज हमारी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक ले जाने में हमारे युवा भी सहभागी है। डेका ने कहा कि समय बहुत महत्वपूर्ण है इसका सदुपयोग करें और आनंद लें। सपने देखे और उसे साकार करने के लिए मेहनत भी करें।

राज्यपाल ने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी में बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और भारत की छवि में उल्लेखनीय बदलाव आया है। यह धारणा परिवर्तन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत दुनिया में सबसे युवा राष्ट्र के रूप में उभरा है। इस देश के युवा होने के नाते आप हमारी अर्थव्यवस्था और विकास के चालक बनने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा के नवाचार के क्षेत्र में भारत का योगदान उल्लेखनीय रहा है। भारतीय गणितज्ञ भास्कराचार्य को मध्यकालीन भारत का सबसे महान गणितज्ञ माना जाता है। उन्होंने ही सबसे पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाले समय की सही गणना की थी। भारतीयों ने दुनिया को शून्य की अवधारणा दी। हमने दुनिया को योग दिया, हमने दुनिया को आयुर्वेद दिया। महानतम वैज्ञानिकों में से एक, दार्शनिक और गणितज्ञ अल्वर्ट आइंस्टीन ने कहा था, ‘‘हम भारतीयों के बहुत आभारी हैं जिन्होंने हमें गिनती करना सिखाया, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज नहीं की जा सकती थी‘‘।

राज्यपाल ने कहा कि आज वैश्विकरण के इस दौर में युवाओं को स्टार्ट-अप के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे उद्यमी बने और रोजगार सृजन करें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपने चरित्र, नवाचार और समाज के प्रति सेवाभाव के माध्यम से इस देश के अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करें और समाज तथा मानवता के लाभ के लिए अपने ज्ञान का पूर्ण उपयोग करने का संकल्प लें।

समारोह के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस. के सिंह नेे स्वागत उद्बोधन दिया और विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलाधिपति रविशंकर जी महराज और टी.आइ.एस.एस मुबंई के कुलाधिपति प्रोफेसर डी.पी. सिंह ने भी अपना उद्बोधन दिया। प्रति कुलाधिपति हर्ष गौतम ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय स्वशासी निकाय के सदस्य, प्रबंध मंडल के सदस्य, विभागाध्यक्ष, संकाय अध्यक्ष, शिक्षक, पालक और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Buland Hindustan

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Raipur Ganpati Darshan गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Avatars of lord shiva Stationery essential that every student must have MAANG TIKKA Benefits of curd गणेश जी को अर्पित करे ये चीज़ Most Mysterious Places In India 10 Greatest Lamborghini cars ever made शुक्रवार के दिन करे यह 10 उपाय