सोमवती अमावस्या का विशेष योग शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, और इस दिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (उज्जैन) में भगवान महाकाल की शाही सवारी का आयोजन किया जाता है। सोमवती अमावस्या तब होती है जब अमावस्या का दिन सोमवार को पड़ता है, और यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष पूजा-अर्चना का दिन माना जाता है।
महाकाल की शाही सवारी एक भव्य आयोजन होता है, जिसमें भगवान महाकालेश्वर को पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाता है। इस सवारी में हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और भगवान महाकाल की झलक पाने के लिए उमड़ पड़ते हैं। महाकाल की शाही सवारी का मार्ग फूलों, रंगीन रोशनी, और भक्तों के जयकारों से सजाया जाता है। भक्तजन इस अवसर पर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं और शिव आराधना करते हैं।
सोमवती अमावस्या पर महाकाल की शाही सवारी का आयोजन एक प्राचीन परंपरा है, जो उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की धार्मिक महत्ता को दर्शाता है। इस दिन, भक्तों का मानना है कि महाकाल की कृपा से सभी प्रकार के दोष, कष्ट, और विपदाओं से मुक्ति मिलती है, और उनका जीवन सुखमय होता है। शाही सवारी का यह आयोजन विशेष रूप से उज्जैन में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।