कृष्ण छठी का पर्व जन्माष्टमी के छह दिन बाद मनाया जाता है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप, लड्डू गोपाल, की पूजा की जाती है। यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, और इसे विशेष रूप से बच्चों की छठी संस्कार के साथ जोड़ा जाता है, जो जन्म के छह दिन बाद मनाया जाता है।
इस वर्ष, पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024 को मनाया गया, और इसके छह दिन बाद, 1 सितंबर 2024 को श्रीकृष्ण की छठी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विशेष योगों का भी निर्माण हो रहा है, जिसमें आश्लेषा और मघा नक्षत्र, परिघ और शिव योग शामिल हैं। इसके साथ ही सूर्य और चंद्रमा सिंह राशि में विराजमान होंगे, जो इस पर्व को और भी शुभ बना रहे हैं।
इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तगण उपवास रखते हैं और भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं। इन शुभ योगों में पूजा करने से भक्तों को कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप में भक्ति और आस्था का प्रतीक है, और इसे बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।