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Shardiya Navratri 2023 : तीन दिन बाद आ रही है जगदम्बे

नवरात्रि भारत में माता दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है. यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है, और हर दिन किसी विशेष रूप में माता दुर्गा की पूजा की जाती है. इस अवसर पर लोग माता दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है

शारदीय नवरात्रि, जो सर्दियों में आये जाने वाले नवरात्रि का त्योहार है, भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार माता दुर्गा की पूजा और भगवान राम के जीवन के एक महत्वपूर्ण घटना, रामलीला के रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि का महत्व निम्नलिखित प्रमुख कारणों से होता है:

  1. माता दुर्गा की पूजा: शारदीय नवरात्रि के दौरान, माता दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। यह पूजा भक्तों के लिए माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अद्वितीय मौका प्रदान करती है
  2. धार्मिक महत्व: नवरात्रि के नौ दिन भगवान राम के जीवन में बड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करने के रूप में मनाए जाते हैं, जैसे कि माता दुर्गा की लड़ाई राक्षस रावण से और भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी का प्रतीक।

हाथी पर सवार होकर आयेंगी माँ

इस बार शारदीय नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर धरती पर पधारेंगी। यह एक शुभ संकेत है। इस वर्ष सर्वत्र संपन्नता रहेगी और देश में अच्छी वर्षा होने की भी सम्भावना है। 

इस समय करे कलश स्थापना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कलश स्थापना हमेशा अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना ही शुभ माना गया है। इस बार 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:38 मिनट सें शुरू हो रहा है और दोपहर 12:23 मिनट तक रहेगा। इसके उपरांत  12:24 मिनट से वैधृति योग शुरू हो जाएगा। ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए मात्र 45 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है। 

भजन कीर्तन का विशेष महत्तव

शारदीय नवरात्रि एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है और यह नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिनमें माता दुर्गा की पूजा और व्रत किया जाता है। कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन की महत्वपूर्ण रस्म है, जिसे पूरे श्रद्धा और विशेष मुहूर्त के साथ किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा को बुलाना और उनके आगमन का स्वागत करना होता है।

नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान, भक्त दुर्गा माता के नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। हर दिन किसी विशेष रूप की पूजा और भजन-कीर्तन किया जाता है। प्रतिदिन की पूजा और रस्मों के लिए विशेष मन्त्र और पूजन विधि होती है, जो भक्तों द्वारा पारंपरिकता के साथ पालन की जाती है.

मातारानी के लिए रखा जाता है व्रत

नवरात्रि के इस अवसर पर, लोग व्रत रखते हैं और शुभ आहार पर ध्यान देते हैं, ताकि वे माता दुर्गा के आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। यह त्योहार भक्ति, आध्यात्मिकता, और परंपरागत मूल्यों के महत्व को प्रमोट करता है और सामाजिक एकता की भावना को मजबूती देता है।

Buland Hindustan

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