अंतराष्ट्रीय

किसी पक्षी के कारण नहीं बल्कि इससे फैलेगा Corona

अगली महामारी की वजह होगा क्लाइमेट चेंज:जानवर-पक्षी नहीं, बल्कि बर्फ पिघलने से फैलेंगे कोरोना जैसे वायरस

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

अगली महामारी किसी चमगादड़ या जानवर से नहीं, बल्कि दुनिया भर में पिघलती बर्फ से आ सकती है। Proceedings of the Royal Society B: Journal of Biological Science में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों की बर्फ लगातार कम हो रही है, जिससे इसमें वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकते हैं।

The next pandemic may not come from a bat or an animal, but from melting ice around the world. This claim has been made in a research published in Proceedings of the Royal Society B: Journal of Biological Science. Actually, due to climate change, the ice of glaciers is continuously decreasing, due to which viruses and bacteria can come into contact with it.

विश्व में हो सकता है ‘वायरल स्पिलओवर’ ( There may be a ‘viral spillover’ in the world )

वायरल स्पिलओवर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वायरस एक नया होस्ट प्राप्त करता है। मेजबान मानव, पशु, पौधे – कोई भी हो सकता है। वायरस मेजबान को संक्रमित करता है, जिससे महामारी फैलने का खतरा होता है। मिट्टी के आनुवंशिक विश्लेषण से पता चला है कि बर्फ के तेजी से पिघलने से दुनिया में नए वायरस फैलने का खतरा है।

Viral spillover is a process in which a virus acquires a new host. The host can be human, animal, plant – anyone. The virus infects the host, posing a risk of spreading an epidemic. Soil genetic analysis has shown that the rapid melting of ice poses a risk of spreading new viruses to the world.

आर्कटिक के तालाब से लिए गए सैंपल ( samples taken from arctic ponds )

वायरस दुनिया के हर कोने में हैं। इस शोध के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने आर्कटिक सर्कल के सबसे बड़े तालाब हेज़ेन झील से नमूने एकत्र किए। मीठे पानी की यह झील कनाडा में स्थित है। इसमें मिले आरएनए और डीएनए का अब तक मिले वायरस से मिलान किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे ग्लेशियर पिघलेंगे, उनमें मौजूद वायरस बाहर आएंगे और हमें संक्रमित करेंगे।

Viruses are in every corner of the world. For this research, the team of scientists collected samples from Lake Hazen, the largest pond in the Arctic Circle. This freshwater lake is located in Canada. The RNA and DNA found in it were matched with the virus found so far. Researchers said that as the glaciers melt, the viruses present in them will come out and infect us.

शोध में आर्कटिक के क्षेत्र को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां की बर्फ अन्य बर्फीले क्षेत्रों की तुलना में अधिक दर से पिघल रही है। यहां का तापमान अधिक गर्म होता है और वायरल स्पिलओवर का खतरा भी अधिक होता है।

The Arctic region was chosen in the research because the ice here is melting at a higher rate than other snowy regions. The temperature here is hotter and the risk of viral spillover is also high.

तिब्बत के ग्लेशियर में मिले 33 वायरस ( 33 viruses found in Tibetan glacier )

साल 2021 में एक स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने 33 वायरस खोजे थे। वे पिछले 15 हजार वर्षों से बर्फ में जमे हुए थे। इनमें से 28 वायरस एकदम नए थे, यानी पहले कभी नहीं देखे गए थे। इन सभी की उत्पत्ति तिब्बत के ग्लेशियरों से हुई है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण यह ग्लेशियर पिघल गया है।

During a study in the year 2021, scientists discovered 33 viruses. They were frozen in ice for the last 15 thousand years. Of these, 28 viruses were brand new, that is, they had never been seen before. All these have their origin from the glaciers of Tibet. This glacier has melted due to global warming.

Buland Hindustan

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