चीन में मिली इस चीज़ से अब खुलेंगे कई बड़े रहस्य…
चीन में पुरातत्वविदों को खुदाई में इंसानी खोपड़ी के जीवाश्म मिले हैं. इस खोपड़ी को करीब 10 लाख साल पुराना बताया जा रहा है. खोपड़ी के जीवाश्म को देखकर सर्वे कर रही पूरी टीम हैरान रह गई.
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
चीन में पुरातत्वविदों को खुदाई में कुछ ऐसा मिला, जिसे देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। यह और कुछ नहीं बल्कि एक मानव खोपड़ी है, जो करीब दस लाख साल पुरानी बताई जा रही है। पुरातत्वविदों ने चीन के हुबेई प्रांत में इस प्राचीन मानव खोपड़ी की खोज की है। इस मानव खोपड़ी को मानव उत्पत्ति का एक बड़ा प्रमाण माना जा रहा है। पुरातत्व विभाग की टीम को मिली यह खोपड़ी पुरापाषाण काल यानि पुराने पाषाण काल की बताई जा रही है, जिसका अध्ययन करने से शोधकर्ताओं को काफी मदद मिल सकती है।
सबसे खास बात यह है कि पुरातत्वविदों को यह खोपड़ी उसी जगह से मिली है, जहां साल 1989 और 1990 में भी दो खोपड़ियां मिली थीं। हालांकि दोनों खोपड़ियों की हालत बेहद खराब थी और दोनों की उम्र करीब 11 लाख साल रही होगी.
10 लाख साल पुरानी खोपड़ी
हुबेई इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चरल रिलीक्स एंड आर्कोलॉजी के शोधकर्ता लू चेंगकिउ ने कहा कि अब जो नई खोपड़ी मिली है, वह पिछली दो खोपड़ी की तरह ही है। ऐसा माना जाता है कि ये तीनों खोपड़ियां जिन लोगों की हैं, वे एक ही समय के होंगे।
वहीं, प्राचीन स्थल की खुदाई में शामिल प्रमुख पुरातत्वविद् जाओ शिंग ने स्थानीय मीडिया को बताया कि दुनिया में दस लाख साल पुराने कुछ ही मानव जीवाश्म मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि युआनमौ मैन और लैंटियन मैन चीन समेत पूरे पूर्वी एशिया में करीब 12 लाख साल पहले हुआ करते थे। जबकि पेकिंग मैन करीब आठ लाख साल पुराना है।
नवंबर तक बाहर आएगी पूरी खोपड़ी
स्थल पर खुदाई कार्य में लगी पुरातत्वविदों की टीम को अब तक मानव खोपड़ी की हड्डियां और कुछ अन्य हिस्से मिले हैं। पूरी खोपड़ी को बाहर निकालने में कुछ और समय लगेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर महीने तक इस काम में लगी टीम खोपड़ी को पूरी तरह से बाहर निकाल देगी.
दरअसल, इस खोपड़ी के जरिए कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं, इसलिए पुरातत्वविद खोपड़ी को बाहर निकालने में काफी सावधानी बरत रहे हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस खोपड़ी के जरिए पूर्वी एशिया में होमो इरेक्टस के इतिहास के बारे में और जानने में मदद मिलेगी।
पुरातत्वविदों की टीम एक बार खोपड़ी को पूरी तरह से बाहर निकाल लेगी तो उसके सभी हिस्सों की ठीक से जांच कर एक शोध अध्ययन तैयार किया जाएगा। यह अध्ययन शोधकर्ताओं को पुराने पाषाण युग के इतिहास के बारे में अधिक गहराई से जानने में मदद करेगा।