Raipur : प्रदेश में बालवाड़ी योजना का हुआ शुभारंभ..
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में बालवाड़ी योजना का किया शुभारंभ
‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’ की थीम पर बालवाड़ी की स्थापना
पांच से छः वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को खेल खेल में सीखने का मिलेगा अवसर
नई शिक्षा नीति के अनुरूप संचालित होंगी बालवाड़ियां
5,173 बालवाड़ियों के साथ योजना का शुभारंभ
नई शिक्षा नीति के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों में खेल में सीखने और समझने की क्षमता विकसित करने के लिए अपने आवास कार्यालय में राज्य में बालवाड़ी योजना की शुरुआत की है. स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पांच से छह साल के बच्चों के लिए बालवाड़ी योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरुआत शिक्षा मंत्री प्रेमसाई सिंह टेकम की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास पर ‘जबो बलवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’ की थीम के साथ की है। किंडरगार्टन योजना के माध्यम से बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जाएगा। बच्चों के लिए आंगनबाडी सहायिका के अलावा संबद्ध प्राथमिक विद्यालय के एक सहायक शिक्षक को भी प्रत्येक किंडरगार्टन में तैनात किया जाएगा और इसके लिए सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपये का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा.
आंगनबाडी सहायिकाओं एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि बच्चों को रोचक ढंग से खेलने व पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके। रुपये की स्वीकृति बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल उपकरण और प्रिंटिंग प्रिंट के लिए प्रत्येक किंडरगार्टन के लिए 01 लाख रुपये भी दिए गए हैं। इस वर्ष 5173 बालवाड़ी शुरू की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बालवाड़ी खोली जाएंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि मानव मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बचपन में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है वह उसे स्कूल में और बाद में जीवन में मदद करता है। अध्यापन तभी शुरू होना चाहिए जब बच्चों का दिमाग तैयार हो रहा हो।
योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाई सिंह टेकम ने कहा कि बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और संज्ञानात्मक विकास के लिए सीखने के सेतु के रूप में कार्य करना होगा ताकि 05 से 06 वर्ष की आयु के बच्चे जब पहली कक्षा में जाते हैं तो उन्हें इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक शुक्ला ने योजना की जानकारी देते हुए कहा है कि इस वर्ष 5173 बालवाड़ी शुरू की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बालवाड़ी खोली जाएंगी.
इस अवसर पर कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रवींद्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस भारती दासन, विशेष सचिव कृषि डॉ. अयाज तंबोली, संयुक्त शिक्षा प्रबंध निदेशक श्री नरेन्द्र दुग्गा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Published By- Komal Sen