बाघिन ‘बिजली’ की मौत: इलाज के दौरान वनतारा, जामनगर में दम तोड़ा

रायपुर। राजधानी रायपुर के जंगल सफारी की बाघिन ‘बिजली’ की गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। वनतारा प्रशासन ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी पुष्टि की। छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ (चीफ) अरुण कुमार पांडे ने भी इसकी जानकारी दी।
पांडे ने बताया कि जंगल सफारी के डीएफओ और मेडिकल टीम को बिजली की मौत की खबर मिलते ही जामनगर भेजा गया है। बाघिन का अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा।
10 दिन से खाना-पीना बंद, किडनी और यूट्रस में संक्रमण
8 वर्षीय बाघिन बिजली लंबे समय से बीमार थी। उसके यूट्रस और किडनी में इंफेक्शन पाया गया था। उसने पिछले 10 दिन से खाना-पीना बंद कर दिया था। प्रारंभ में उसकी बीमारी को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पाचन तंत्र) का संक्रमण समझा गया, लेकिन आगे की जांच में किडनी और गर्भाशय में गंभीर संक्रमण का पता चला।
अनुमति में देरी से बिगड़ी हालत
वन विभाग ने सीजेडए (केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण) से इलाज के लिए वनतारा भेजने की अनुमति मांगी थी, लेकिन मंजूरी मिलने में 10 दिन लग गए। इस देरी के कारण इलाज में बाधा आई। अंततः 7 अक्टूबर को उसे हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस से वनतारा भेजा गया और वह 9 अक्टूबर की रात जामनगर पहुंची।
वनतारा टीम ने बताया — “पहले से कमजोर और बीमार थी”
वन विभाग के अनुरोध पर 5 अक्टूबर को वनतारा की पशु चिकित्सा टीम रायपुर पहुंची थी। टीम ने बताया कि बिजली काफी कमजोर और बीमार थी, उसका डाइजेशन भी ठीक से काम नहीं कर रहा था। अल्ट्रासाउंड और डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में किडनी के साथ गर्भाशय में भी संक्रमण मिला।
वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल
वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि अगर समय रहते एक्शन लिया जाता तो बाघिन की जान बच सकती थी। उन्होंने सवाल उठाया कि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के नजदीक है और इसे टाइगर स्टेट कहा जाता है, ऐसे में जामनगर जैसी लंबी दूरी पर ट्रांसफर क्यों किया गया। उनका कहना है कि लंबी यात्रा ने उसकी हालत और बिगाड़ दी होगी।