
रायपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रहते पश्चिम बंगाल में कथा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “अभी हमको पश्चिम बंगाल जाना था, लेकिन दीदी ने हमें मना कर दिया। परमिशन ही कैंसिल हो गई। दीदी जब तक हैं, तब तक नहीं जाएंगे। दादा जब आएंगे, तब जाएंगे।”
दरअसल, कोलकाता में 10 से 12 अक्टूबर तक उनकी हनुमंत कथा होनी थी। लेकिन भारी बारिश के कारण कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई। शास्त्री को किसी दूसरी जगह पर भी अनुमति नहीं मिली, जिसके चलते उन्होंने कथा स्थगित कर दी।
बोले- हम राजनीति के नहीं, सनातन के पक्ष में हैं
रविवार को रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान शास्त्री ने कहा, “दीदी ने हमें रोक दिया। समझ गए न किसकी बात कर रहे हैं… नाम नहीं लेना चाहता। परमिशन कैंसिल हो गई और दूसरी जगह भी नहीं मिल रही। जहां थी, वहां पानी भर गया। जब पूछा गया कि अब क्या करेंगे तो हमने कहा — थैंक्यू बोल देना।”
उन्होंने आगे कहा, “इसका मतलब यह नहीं कि हम अपना कार्य छोड़ देंगे। दीदी जब तक हैं, तब तक नहीं जाएंगे। पर भगवान करे दीदी बनी रहें। हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं, बस बुद्धि ठीक रखें और धर्म के खिलाफ न जाएं। हम किसी राजनीति के पक्ष या विरोध में नहीं, बल्कि सनातन धर्म और हिंदुत्व के पक्ष में हैं।”
“अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म”
शास्त्री ने कहा कि घंटी बजाना, पूजा करना और तिलक लगाना ही धर्म नहीं, बल्कि अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। उन्होंने कहा, “हमारे पीछे पूरे भारत के विधर्मी लगे हैं, लेकिन जब तक तन में प्राण रहेंगे, हम हिंदुत्व के लिए ही जीएंगे।”
बागेश्वर धाम में VIP-VVIP मुलाकातें बंद
इससे पहले 1 अक्टूबर को बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घोषणा की थी कि अब VIP और VVIP सिफारिशकर्ताओं से मुलाकात नहीं होगी। उन्होंने कहा कि धाम पर अब केवल सच्चे श्रद्धालु ही दर्शन और आशीर्वाद ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि उनके गुरु संन्यासी बाबा ने आदेश दिया है कि VIP संस्कृति के कारण गरीब और असहाय भक्तों की पीड़ा अनसुनी रह जाती है। इसलिए अब बागेश्वर धाम में प्रोटोकॉल आधारित मुलाकातें बंद की गई हैं।
VIP को मिलेगा अलग समय, गरीबों को प्राथमिकता
शास्त्री ने स्पष्ट किया कि अगर कोई VIP या VVIP धाम आता है, तो उसे अलग से समय दिया जाएगा। लेकिन पहला अवसर गरीब, असहाय, मरीज और सच्चे श्रद्धालुओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि साधना के दौरान उन्होंने प्रण लिया है कि वे गुरु की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करेंगे।
हर गुरुवार को भक्तों से मुलाकात और भभूति वितरण
शास्त्री ने बताया कि अब पहले की तरह दिव्य दरबार में भक्तों की अर्जियां सुनी जाएंगी और पर्चे बनाए जाएंगे। शाम को मरीजों के दर्शन के दौरान भक्तों को सिद्ध अभिमंत्रित भभूति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हर गुरुवार नई नियमावली के तहत भक्तों से मुलाकात होगी और मंदिर प्रांगण से ही भभूति वितरण किया जाएगा।