छत्तीसगढ़

रायपुर रेलवे स्टेशन पर कुलियों का प्रदर्शन, प्राइवेट बैटरी कार सर्विस का विरोध

रायपुर। रायपुर रेलवे स्टेशन में कुली अपने परिवार के साथ प्रदर्शन पर बैठ गए हैं। उनका आरोप है कि रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन पर प्राइवेट बैटरी कार सर्विस शुरू की जा रही है, जिससे उनकी रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है।त्योहारी सीजन में रेलवे ने चार नई बैटरी कारें चलाने की तैयारी की है। इनमें से दो कारें जैसे ही स्टेशन पहुंचीं, कुलियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बताया जा रहा है कि यह विरोध पिछले 20 दिनों से टुकड़ों में जारी है।रेलवे ने एक प्राइवेट कंपनी से एग्रीमेंट किया है, जिसके तहत यात्री इन बैटरी कारों से स्टेशन परिसर में एक जगह से दूसरी जगह तक जा सकेंगे। प्रति यात्री 50 रुपए किराया और लगेज के साथ 70 रुपए भाड़ा तय किया गया है। फिलहाल कुली यही सेवा लगभग 100 रुपए में देते हैं।

कुलियों की दलील: अब काम का केवल 20% हिस्सा बचा

कुलियों का कहना है कि लिफ्ट और एस्केलेटर लगने के बाद पहले ही उनका काम घट गया है। स्टेशन में कुल 105 कुली कार्यरत हैं, जो मुश्किल से 200 से 300 रुपए प्रतिदिन कमा पाते हैं। दो बैटरी कारें पहले से ही एक सामाजिक संस्था द्वारा नि:शुल्क चलाई जा रही हैं, जिनसे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।परंतु अगर चार और प्राइवेट कारें शुरू हो गईं तो कुलियों की कमाई पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

रोटी की व्यवस्था भी नहीं बचेगी”

कुलियों ने आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन ने प्राइवेट कंपनी को ठेका देकर उनकी दिहाड़ी पर डाका डालने जैसा काम किया है। उनका कहना है कि इससे उनकी रोजमर्रा की आय खत्म हो जाएगी और परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाएगा।

तीन मीटिंग के बाद भी नहीं निकला समाधान

कुलियों ने बताया कि इस मामले में तीन बार अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है।पहली बैठक 19-20 सितंबर के बीच DRM दयानंद के साथ हुई थी, जिसमें आश्वासन दिया गया कि बैटरी कार नहीं चलाई जाएगी।दूसरी बैठक सीनियर DCM अवधेश कुमार त्रिवेदी से हुई, जिन्होंने सर्विस रोकने से इंकार कर दिया।तीसरी बार भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसके बाद बैटरी कारें स्टेशन पर पहुंचीं और विरोध तेज हो गया।

अब आंदोलन को मिलेगा ऑल इंडिया यूनियन का समर्थन

कुलियों ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो बिलासपुर जोन के सभी स्टेशन पर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया कुली यूनियन से भी बात हो चुकी है और दिल्ली सहित अन्य राज्यों के कुली भी समर्थन देने पहुंच सकते हैं।डी ग्रुप में भर्ती की मांगकुलियों ने विकल्प के तौर पर रेलवे से डी ग्रुप में किसी भी पद पर नियुक्ति देने की मांग की थी, परंतु अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि जब तक प्राइवेट बैटरी कार व्यवस्था बंद नहीं होती, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।

Buland Hindustan

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