नक्सलियों पर अंतिम वार की तैयारी, अमित शाह बस्तर दौरे पर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे में नक्सल अभियान की समीक्षा करेंगे। शनिवार को वे सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में नक्सलियों द्वारा वार्ता के लिए भेजी गई चिट्ठी पर भी चर्चा होगी। शाह पहले ही चेतावनी दे चुके हैं—सरेंडर करने वालों का रेड कार्पेट से स्वागत होगा, अन्यथा गोली का जवाब गोली से मिलेगा।
बस्तर पर फोकस
शाह इस दौरे में बस्तर में चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे और दूरस्थ अंचल में राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी भी लेंगे। सरकार की मंशा है कि बस्तर में शांति और सुरक्षा बहाली के साथ-साथ वहां के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।
केंद्रीय गृहमंत्री 19 घंटे छत्तीसगढ़ में रहेंगे। रायपुर से जगदलपुर पहुंचने पर वे सबसे पहले माता दंतेश्वरी का दर्शन करेंगे। लालबाग मैदान में महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे, जिससे 65 लाख महिलाओं को 606.94 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
शाह के अब तक के बस्तर दौरे
- 15 दिसंबर 2024: बस्तर ओलंपिक समापन पर घोषणा—31 मार्च 2026 तक देश नक्सल मुक्त।
- 16 दिसंबर 2024: बीजापुर में जवानों से मुलाकात, कहा—“सुरक्षा बल नक्सलियों पर भारी।”
- 5 अप्रैल 2025: दंतेवाड़ा में नक्सलियों को आत्मसमर्पण की खुली चेतावनी।
नई रणनीति: सुरक्षा के साथ विकास
शाह की रणनीति है कि जहां सुरक्षा बल की पकड़ मजबूत हो, वहां विभाग और एजेंसियां (पीडब्ल्यूडी, पंचायत आदि) तेजी से विकास कार्य करें।
- बिजली, पानी, सड़क, इंटरनेट की सुविधा।
- अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और भवन निर्माण।
- पीडीएस व्यवस्था और रोजगार के अवसर।
- वन क्षेत्र में विकास, बस-ट्रेन कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा।
शहरों तक निगरानी
लगातार ऑपरेशनों के चलते नक्सली अब जंगलों से निकलकर शहरों की ओर खिसक रहे हैं। सरकार की नजर उन नक्सलियों पर है जो स्लम इलाकों में मजदूरी कर रहे हैं या छिपे हुए हैं। साथ ही सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि नक्सली नए कैडर की भर्ती कर रहे हैं या अस्थायी रूप से भूमिगत हो गए हैं।