राष्ट्रीय

मोहन भागवत ने कहा- भारत को अपनाना होगा ‘सनातन’ दृष्टिकोण

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत में ‘सनातन’ दृष्टिकोण अपनाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश को अपनी वर्तमान स्थिति से उबरने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए, लेकिन इसे सनातन जीवन दर्शन के अनुसार करना होगा और विकास और प्रगति का मार्ग स्वयं तय करना होगा।

भागवत ने यह बयान अमेरिका के व्यापार शुल्क और आव्रजन नीतियों के संदर्भ में दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति पिछले 2000 वर्षों से चल रही दुनिया की विभाजित नीतियों का परिणाम है। हमें इन चुनौतियों से निपटना होगा, लेकिन अंधेरे में नहीं, बल्कि अपनी राह खुद बनाकर।

प्राचीन जीवन दृष्टिकोण

भागवत ने भारत के प्राचीन जीवन लक्ष्य ‘अर्थ’, ‘काम’, ‘मोक्ष’ और ‘धर्म’ को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि वह प्राकृतिक कानून है जो सभी को एक साथ चलने का मार्ग दिखाता है।

भारत-अमेरिका सहयोग और संघर्ष

भागवत ने एक अमेरिकी व्यक्ति से मुलाकात का जिक्र किया। तीन साल पहले उस व्यक्ति ने कहा था कि भारत-अमेरिका सहयोग तभी संभव है, जब अमेरिकी हित सुरक्षित हों। भागवत ने कहा कि हर किसी के अलग-अलग हित होते हैं, इसलिए संघर्ष अनिवार्य है।

पर्यावरण और वैश्विक भूमिका

भागवत ने कहा कि भारत ही एकमात्र देश है जिसने पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को निभाया है। उन्होंने भारत को ‘विश्वगुरु’ और ‘विश्वमित्र’ बनाने के लिए अपनी विशेष दृष्टि अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण पारंपरिक है, पुराना नहीं, और इसे सनातन दृष्टिकोण कहते हैं।

भागवत ने स्पष्ट किया कि भारत का दृष्टिकोण केवल अर्थ और काम तक सीमित नहीं, बल्कि ये धर्म से जुड़े होने चाहिए।

Buland Hindustan

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Chaitra Navratri 2025 : 30 march से शुरू होगा नवरात्रि के पावन पर्व Raipur Ganpati Darshan गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Avatars of lord shiva Stationery essential that every student must have MAANG TIKKA Benefits of curd गणेश जी को अर्पित करे ये चीज़ Most Mysterious Places In India 10 Greatest Lamborghini cars ever made