अपराध
छत्तीसगढ़ में बड़े घोटाले: रिटायर्ड IAS निरंजन दास गिरफ्तार, शराब और कोयला सिंडिकेट की जांच जारी

रायपुर। शराब घोटाला और कोयला घोटाला मामलों में छत्तीसगढ़ में बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच रिटायर्ड IAS निरंजन दास को ACB-EOW ने गिरफ्तार किया। निरंजन दास पूर्व आबकारी आयुक्त थे और उन पर सिंडिकेट संचालित करने का आरोप है। कथित तौर पर इस घोटाले से उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे।
शराब घोटाला मामला
- शुक्रवार को निरंजन दास को रायपुर की ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 25 सितंबर तक EOW की रिमांड पर रखा।
- जांच में सामने आया कि निरंजन दास ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले का सिंडिकेट खड़ा किया।
- सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय किया, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाई, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई कराई और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेची। इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
शराब घोटाले की शुरुआत
- फरवरी 2019 में होटल वेनिंगटन में डिस्टलरी मालिकों की बैठक हुई। इसमें डिस्टलरी संचालकों को कमीशन देने और रेट बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
- शराब की खपत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज न करने और डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब वितरण की योजना बनाई गई।
- शुरुआती जांच में सामने आया कि तीन साल में 60 लाख से अधिक पेटी शराब अवैध रूप से बेची गई।
कोयला घोटाला मामला
- ED ने छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की जांच की। इसमें 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
- आरोप है कि कोल परिचालन और ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करके करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई।
- तत्कालीन खनिज विभाग के संचालक IAS समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इस वसूली के आदेश जारी किए थे।
जांच और कार्रवाई
- शराब और कोयला घोटाले में ED और ACB-EOW की टीमें सक्रिय हैं।
- दोनों मामलों में कई पूर्व मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है।