पितृ विसर्जनी अमावस्या पर लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा दृश्य

लखनऊ। पितृ विसर्जनी अमावस्या इस बार रविवार को है। इसी दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) भी लगेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल लागू नहीं होगा और धार्मिक कार्य अपने निर्धारित समय पर संपन्न होंगे।
आचार्य एस.एस. नागपाल ने बताया कि ग्रहण रविवार रात 10:59 बजे शुरू होगा और सोमवार सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों में दिखाई देगा।
पितृ विसर्जनी अमावस्या
आचार्य आनंद दुबे के अनुसार, पितृ विसर्जनी अमावस्या शनिवार रात 12:16 बजे से रविवार रात 1:23 बजे तक रहेगी। इस दिन पूर्वजों के श्राद्ध और विदाई का विशेष महत्व है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण
विज्ञानी विनय कुमार ने बताया कि भारत का भू-भाग इस ग्रहण की छाया में नहीं आएगा। इसलिए यहां लोग इसका प्रत्यक्ष दृश्य अनुभव नहीं कर पाएंगे। हालांकि खगोल विज्ञानी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और उपग्रहों से प्राप्त रियल-टाइम डेटा, डिजिटल इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से सूर्य की सक्रियता और अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन करेंगे। यह शोध भविष्य के ग्रहणों की सटीक गणना और वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए उपयोगी साबित होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
- ग्रहण के समय वैदिक मंत्रों का जाप करके नकारात्मक ऊर्जा से बचें।
- भोजन और पानी से परहेज करना श्रेयस्कर माना गया है।
- गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करके पूजा-पाठ करना आवश्यक है।