छत्तीसगढ़ में पहली बार जीएसटी वसूली के लिए कारोबारियों के बैंक खाते फ्रीज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार स्टेट जीएसटी विभाग ने बकाया टैक्स वसूलने के लिए कारोबारियों के बैंक खाते फ्रीज करना शुरू किया है। राज्यभर में 25 हजार से ज्यादा व्यापारी ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले पांच साल से टैक्स जमा नहीं किया है। विभाग को कारोबारियों से करीब 2300 करोड़ रुपए की वसूली करनी है।
कैग की आपत्ति के बाद सख्ती
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने टैक्स वसूली में ढिलाई पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद विभाग ने बकायादारों की सूची तैयार की। कई कारोबारियों पर 5 से 20 करोड़ रुपए तक का टैक्स बकाया है। इसके बावजूद वे कारोबार जारी रखे हुए हैं।
बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई
स्टेट जीएसटी विभाग ने 40 से ज्यादा बैंकों को नोटिस भेजकर खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया है। जब तक व्यापारी बकाया टैक्स जमा नहीं करेंगे, उनके खाते से लेन-देन नहीं हो सकेगा। अचानक कार्रवाई से व्यापारी हड़बड़ा गए हैं। कई लोग किस्तों में बकाया चुकाने की तैयारी कर रहे हैं।
टैक्स वसूली में तेजी
अफसरों का दावा है कि खातों को फ्रीज करने के बाद टैक्स रिकवरी तेज हुई है। जिनका बकाया कम है, वे तुरंत भुगतान कर रहे हैं। वहीं बड़े बकायेदार किस्तों में राशि जमा कर रहे हैं।
रिकॉर्ड कलेक्शन का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ को जीएसटी और वैट से 23,448 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई थी, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। इस बार लक्ष्य और ज्यादा वसूली का है।
विशेषज्ञ की राय
रायपुर सीए एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी के अनुसार, बकाया टैक्स का 10% जमा करने पर खाता चालू हो सकता है। वहीं 20% राशि जमा कर ट्रिब्यूनल में अपील भी की जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बिना नोटिस दिए खाते फ्रीज नहीं किए जाने चाहिए।
सबसे ज्यादा बकाया सेक्टर
लोहा, कोयला, स्टील और सीमेंट कारोबारियों पर सबसे ज्यादा टैक्स बकाया है। कुल बकाया टैक्स का 45% हिस्सा इन्हीं सेक्टर पर है।