
रायपुर। छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों ने नकली ई-चालान लिंक भेजकर पार्षदों और कारोबारियों से करीब 10 लाख रुपए की ठगी की है। दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर में तीन अलग-अलग मामलों में ठगों ने खुद को ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग का अधिकारी बताकर जाल बिछाया।
पीड़ितों के मुताबिक, ठगों ने वॉट्सऐप पर भेजे गए मैसेज में छत्तीसगढ़ पुलिस का लोगो भी इस्तेमाल किया, जिससे भरोसा हो गया और लिंक पर क्लिक करते ही खातों से पैसे कट गए।
पहला केस – दुर्ग
दुर्ग नगर निगम के मठपारा वार्ड पार्षद नरेन्द्र कुमार बंजारे को 9 सितंबर को फर्जी ई-चालान लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करते ही उनके खाते से दो बार में 89,500 रुपए कट गए। उन्होंने तत्काल थाने में शिकायत दर्ज कराई।
दूसरा केस – बिलासपुर
बिलासपुर दयालबंद वार्ड-36 पार्षद बंधु मौर्य को 3 सितंबर को छत्तीसगढ़ पुलिस लोगो वाला नकली लिंक भेजा गया। उन्होंने आधार, पैन और बैंक डिटेल्स भर दीं। इसके बाद उनके खाते से लगातार ट्रांजेक्शन होते रहे और कुल 3 लाख रुपए उड़ गए।
तीसरा केस – रायपुर
रायपुर के दो कारोबारियों को भी ई-चालान ठगी का शिकार बनाया गया। गुढ़ियारी के कारोबारी से 4 लाख और पुरानी बस्ती के युवक से 2 लाख रुपए पार कर लिए गए।
कैसे देते हैं ठगी को अंजाम?
साइबर एक्सपर्ट आरके जोशी ने बताया कि लिंक क्लिक करते ही मोबाइल में मैलवेयर फाइल डाउनलोड हो जाती है, जिससे फोन हैक हो जाता है। इसके जरिए ठग पीड़ित के बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं।
परिवहन विभाग की एडवाइजरी
- असली ई-चालान की जानकारी केवल echallan.parivahan.gov.in पर मिलेगी।
- कोई भी संदिग्ध लिंक या APK फाइल पर क्लिक न करें।
- पुलिस/परिवहन विभाग केवल पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आधिकारिक SMS भेजते हैं।
- फर्जी डोमेन से सावधान रहें:
- echallan-parivahan.com
- parivahan-gov.in
- parivahanportal.net
- mparivahan.co.in
- echallanindia.org