बस्तर में आदिवासी अधिकार दिवस का जिला स्तरीय आयोजन

बस्तर। बस्तर ब्लॉक की ग्राम पंचायत घाटकवाली में आज जिला स्तरीय आदिवासी अधिकार दिवस का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत माटी पुजारी श्री मंगतु राम कश्यप और 32 ग्राम सभा सदस्यों द्वारा ग्राम देवी जलनी आया की सेवा अर्जी के साथ की गई।
CFR-ATREE के जिला समन्वयक अनुभव शोरी ने बताया कि विश्व आदिवासी अधिकार दिवस का उद्देश्य आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान, भाषा, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत मुद्दों पर उनके अधिकार सुनिश्चित करना है। संयुक्त राष्ट्र ने 13 सितंबर 2007 को UNDRIP (United Nations Declaration on the Rights of Indigenous Peoples) के तहत इस दिवस को घोषित किया था। यह दिन आदिवासी समुदाय की परंपराओं और संस्थाओं को सशक्त बनाने का प्रतीक है।
ग्राम पंचायत की सरपंच तामेश्वरी कश्यप और ग्राम सभा अध्यक्ष श्रीमती महंती कश्यप ने बताया कि घाटकवाली में पेसा अधिनियम की धारा 4(ड)(vi) के तहत ग्राम सभा स्तरीय शिक्षा समिति का गठन किया गया है। यह समिति शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूल प्रबंधन पर कार्य कर रही है। समिति द्वारा प्रत्येक स्कूल का साप्ताहिक निरीक्षण किया जाता है और शिक्षकों को प्रतिदिन प्रार्थना सभा में बच्चों के साथ समूह फोटो अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के जिला अध्यक्ष संतुराम मौर्य ने कहा कि आदिवासी अधिकार दिवस केवल औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। इसका उद्देश्य आदिवासियों की जमीन, जंगल, भाषा और आत्मसम्मान की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने हमेशा प्रकृति, जल, जंगल और जमीन को जीवन का आधार माना है, लेकिन उपनिवेशवाद और शोषण ने उनके अधिकारों को प्रभावित किया। इस अन्याय को रोकने और दुनिया को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष गंगा नाग, रामनाथ कश्यप, विजय, बनसिंह मौर्य, कमलेश, लखेश्वर कश्यप सहित 32 ग्राम सभाओं से आए सदस्य उपस्थित रहे।