
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ सभा का आयोजन किया। सभा का मकसद केंद्र की मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलना था। मंच पर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता जुटे, लेकिन इस दौरान नेताओं की आपसी गुटबाजी भी साफ नजर आई।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह मत कहना कि सरकार ने काम नहीं किया, इसलिए हम हार गए। बघेल का आरोप था कि कांग्रेस की हार का कारण भाजपा द्वारा की गई वोट चोरी है।
वहीं, पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को घेरते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता किसी के चमचे नहीं हैं, सब पार्टी के लिए काम करते हैं। यह बयान महंत के उस कथन के जवाब में आया जिसमें उन्होंने नेताओं के “चमचों” को लेकर टिप्पणी की थी।
सभा के दौरान एक और विवाद तब खड़ा हो गया जब पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का भाषण बीच में ही रोकते हुए उनका माइक छीन लिया गया। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसे उनका अपमान बताया जा रहा है।
इस सभा में कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। कांग्रेस का दावा है कि इस अभियान से जनता को जागरूक कर मोदी सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ माहौल बनाया जाएगा। हालांकि, मंच पर नेताओं की बयानबाजी और अंतर्कलह ने पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।