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छत्तीसगढ़ में विज्ञान और नवाचार की नई क्रांति: नवा रायपुर में बनेगी साइंस सिटी

रायपुर । छत्तीसगढ़ अब शिक्षा, विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में साइंस सिटी की स्थापना की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए जा रहे हैं। नवा रायपुर के सेक्टर-13 में 30 एकड़ भूमि पर बनने वाली इस साइंस सिटी को आधुनिकतम तकनीकों से युक्त किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ को विज्ञान और तकनीक का नया केंद्र बनाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री साय के विजन के अनुरूप इस परियोजना को तेजी से और समयबद्ध रूप से पूरा करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्रीमती रेणु जी पिल्ले, छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री का विजन: छत्तीसगढ़ बनेगा विज्ञान और नवाचार का अग्रणी राज्य
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री साय के विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ को केवल प्राकृतिक संसाधनों का राज्य नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाना है। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बैठक में निर्देशित किया कि साइंस सिटी को “एडुटेनमेंट” (शिक्षा + मनोरंजन) की अवधारणा पर विकसित किया जाए, जिससे छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिले।

बैठक में बताया गया कि साइंस सिटी में कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो इसे देश के अग्रणी विज्ञान केंद्रों में शामिल करेंगी। इसमें अंतरिक्ष एवं खगोल विज्ञान केंद्र, स्मार्ट सिटी एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी सेक्शन, जलवायु परिवर्तन केंद्र, रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब, एयरोस्पेस रिसर्च सेक्शन, वर्चुअल एक्सपेरिमेंट लैब, थ्रीडी थिएटर और इमर्सिव डिस्प्ले जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। इन नवाचारों के माध्यम से छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिलेगा।

विजय शर्मा ने कहा कि साइंस सिटी सिर्फ एक शैक्षिक संस्थान नहीं, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक केंद्र बनेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि इसमें छात्रों के लिए एक्सपेरिमेंटल लर्निंग ज़ोन बनाए जाएं, जहां वे वैज्ञानिक अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप से समझ सकें।

बैठक में चर्चा हुई कि साइंस सिटी छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह न केवल छत्तीसगढ़ में विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि यहां के युवाओं और वैज्ञानिकों को वैश्विक स्तर के अनुसंधान और नवाचार के अवसर उपलब्ध कराएगी।

साइंस सिटी का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व
साइंस सिटी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए विज्ञान शिक्षा और नवाचार को नई दिशा देने वाली परियोजना होगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस केंद्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञान सम्मेलन और शोध कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे यहां के विद्यार्थी और शोधकर्ता दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों के साथ काम करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे।

समयबद्ध क्रियान्वयन और तकनीकी नवाचारों पर विशेष जोर

बैठक के दौरान विजय शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए और इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी को नवाचार और अनुसंधान का वैश्विक स्तर का केंद्र बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह साइंस सिटी देश की प्रमुख विज्ञान परियोजनाओं में से एक होगी और यह प्रदेश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में अभूतपूर्व योगदान देगी। बैठक में बताया गया कि साइंस सिटी के विभिन्न सेक्शनों को इस तरह डिज़ाइन किया जाए कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनियों, नवाचार प्रतियोगिताओं और शोध परियोजनाओं की मेजबानी कर सकें। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और शिक्षाविदों के सहयोग से एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में एक नई पहचान बना सके।

छत्तीसगढ़ का भविष्य विज्ञान और नवाचार में – मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को केवल पारंपरिक संसाधनों और कृषि राज्य तक सीमित नहीं रखा जाएगा। अब हमें आगे बढ़कर विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में देश और दुनिया के अग्रणी राज्यों में शामिल होना है। साइंस सिटी इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए नए अवसर खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना सिर्फ एक शैक्षिक केंद्र नहीं होगी, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं और वैज्ञानिकों को वैश्विक मंच प्रदान करने का एक सशक्त प्रयास है। अब छत्तीसगढ़ सिर्फ धान का कटोरा नहीं, बल्कि विज्ञान और नवाचार की राजधानी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।

Buland Hindustan

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