अब ऑनलाइन गैम्बलिंग गेम्स पर लगा बैन!!!!
ऑनलाइन गैम्बलिंग गेम्स पर बैन, कोई खेलता पाया गया तो 10 लाख रुपये तक जुर्माना
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। एक हफ्ते पहले मुख्यमंत्री एम.के. अध्यादेश को स्टालिन के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने पारित किया था। इस फैसले के बाद राज्य में तेजी से बढ़ रहे स्किल गेमिंग सेक्टर को झटका लगा है। मुख्यमंत्री ने इन पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि यह ‘संभावनाओं का ऑनलाइन खेल’ है। इस अध्यादेश में अन्य ऑनलाइन गेम्स को भी रेगुलेट करने की बात कही गई है।
अब अगर कोई राज्य में इन खेलों को खेलता हुआ पाया जाता है तो उसे 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या 3 साल की जेल या दोनों हो सकते हैं। वहीं, पैसे को दांव पर लगाकर ये गेम खेलते पाए जाने वालों को 5,000 का जुर्माना भरना पड़ सकता है. साथ ही उसे 3 महीने की जेल या जुर्माना और जेल दोनों एक साथ हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला
आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी बहस चल रही है. यह सुनवाई तमिलनाडु सरकार की ओर से दायर एक अपील अर्जी पर ही हो रही है। सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने 2020 में ऑनलाइन जुआ खेलने पर तमिलनाडु की पिछली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने 3 अगस्त 2021 को जारी आदेश में इसे अवैध करार दिया था। इसी मामले में 9 सितंबर को, 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने कौशल आधारित कंपनियों जंगली गेम्स, प्ले गेम्स 24*7, हेड डिजिटल वर्क्स और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था।
क्या कहते हैं गेमिंग के पक्षकार
ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ समीर बर्दे का कहना है कि रम्मी को मौका का खेल कहना सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट के हालिया आदेशों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रम्मी को कौशल का खेल माना है और यह अनुच्छेद 19(1)जी के तहत संरक्षित है। साथ ही, ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने भी तमिलनाडु सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है क्योंकि इससे क्षेत्र में समग्र व्यापार प्रभावित होगा। गौरतलब है कि दक्षिण भारत में इन स्किल बेस गेम्स की काफी डिमांड है और लोगों तक इनकी पहुंच काफी अच्छी है।