भारी बर्फबारी से अवरुद्ध हुआ मनाली-लेह मार्ग, सोलंगनाला में फंसे 5 हजार से ज्यादा पर्यटक

हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी के कारण मनाली-लेह राजमार्ग बुधवार को तीसरे दिन भी अवरुद्ध रहा। निचले और मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। लाहौल घाटी, मनाली, सोलंगनाला और आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ। सोलंगनाला में करीब 5,000 से अधिक पर्यटक और 1,200 वाहन फंसे हुए थे, जिन्हें प्रशासन ने सुरक्षित निकाल लिया।
बर्फ जमने से रुके ट्रक
लाहौल-स्पीति जिले के सिस्सू, कोकसर, टांडी, गोंधला, जिस्पा, सरचू और केलांग में एक फुट से अधिक बर्फ जम गई। दारचा और सरचू के बीच मनाली-लेह राजमार्ग पर कई ट्रक फंसे हुए हैं। पुलिस के अनुसार, अकेले दारचा में दर्जनों परिवहन वाहन जमे पड़े हैं।
पर्यटकों को जारी की गई चेतावनी
लाहौल-स्पीति पुलिस ने सलाह दी है कि अनुभवहीन ड्राइवर बर्फीले मार्गों पर यात्रा न करें। फिलहाल केवल 4×4 वाहनों को मनाली की ओर जाने की अनुमति दी गई है। दारचा से शिंकुला, कोकसर से लोस्सर और रोहतांग दर्रे के रास्ते भी बर्फबारी के कारण बंद हैं।
नेशनल हाईवे बंद
भारी बर्फबारी से कोकसर, जिस्पा, सरचू, टांडी, उदयपुर सहित कई इलाकों में नेशनल हाइवे बाधित हो गया है। प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
अटल सुरंग के आगे बर्फ की चादर
अटल सुरंग और रोहतांग दर्रा तीन दिनों से लगातार बर्फबारी की चपेट में हैं। साच दर्रा पर भी बर्फ जमने से पांगी घाटी का संपर्क चंबा जिले से टूट गया है।
मंडी और कांगड़ा तक पहुंची बर्फ
किन्नौर, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में भी बर्फबारी हुई। मंडी में शिकार देवी क्षेत्र और कांगड़ा के धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर सफेद चादर बिछ गई। कई क्षेत्रों में बिजली बाधित रही।
शून्य से नीचे पहुंचा तापमान
शिमला मौसम विभाग के अनुसार, केलांग में न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री और कुकुमसेरी में -0.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। कल्पा में 3 डिग्री, नारकंडा में 4.9 डिग्री, मनाली में 6.1 डिग्री और शिमला में 8.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
किसानों को नुकसान
लाहौल-स्पीति की पट्टन घाटी में बर्फबारी से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। सेब तोड़ने के सीजन के बीच बर्फबारी से पेड़ों की शाखाएं टूट गईं। किसानों को आशंका है कि इस बेमौसम बर्फबारी से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।