प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में संकट, सुशीला कार्की का नाम आगे आया

काठमांडू। नेपाल में विरोध प्रदर्शनों की आड़ में हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी पर रोक लगाने के लिए सेना सड़कों पर उतर आई है। सरकार ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन प्रतिबंधित कर कर्फ्यू लागू कर दिया है। इस बीच, आंदोलनकारी अंतरिम सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं।
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने जेन-जी और नेपाली नागरिकों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश अभूतपूर्व परिस्थिति से गुजर रहा है और अब अंतरिम सरकार बनने जा रही है, जो चुनाव कराकर जनता से नया जनादेश लेगी।
शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रिय जेन-जी और सभी नेपालियों से मेरा अनुरोध है कि घबराएं नहीं, धैर्य रखें। अंतरिम सरकार का मुख्य काम चुनाव कराना और देश को नया जनादेश देना होगा।
उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम/चुनावी सरकार का नेतृत्व सौंपने के प्रस्ताव का समर्थन किया। शाह ने कहा कि युवाओं की समझदारी, परिपक्वता और एकता ऐतिहासिक है और इसे कायम रखना होगा। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि संसद को तुरंत भंग कर अंतरिम सरकार का गठन किया जाए।
दो दिन तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा। इस दौरान काठमांडू समेत प्रमुख शहरों में तनावपूर्ण शांति देखी गई। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की बेटी गंगा दहल के ललितपुर स्थित घर में आगजनी हुई और एक अज्ञात पुरुष का जला हुआ शव बरामद हुआ।
प्रदर्शनकारी अब भ्रष्टाचार खत्म करने, भाई-भतीजावाद रोकने और युवाओं को अवसर देने वाली व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोजाना हजारों युवा रोजगार की तलाश में नेपाल छोड़ रहे हैं। आंदोलनकारी चाहते हैं कि ऐसी व्यवस्था बने जिसमें युवाओं को अपने ही देश में अवसर मिले।