( published by – Seema Upadhyay )
दुनिया में आज भी कई ऐसी चमत्कारी चीजें हैं, जिनके बारे में लोगों ने कहानियां और कहानियां सुनी हैं। ऐसा ही एक चमत्कारी पत्थर है पारस पत्थर, जिसके बारे में आपने कई किस्से सुने होंगे, लेकिन इस पत्थर को आज तक कोई नहीं खोज पाया। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक किले में होने का दावा किया जाता है। यही कारण है कि हर साल लोग किले की खुदाई के लिए पहुंचते हैं।
पारस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि यह वह पत्थर है जिसे छूने पर लोहे को भी सोना बना दिया जाता है। माना जाता है कि यह पत्थर भोपाल से 50 किमी दूर रायसेन के किले में मौजूद है। कहा जाता है कि इस किले के राजा के पास पारस पत्थर मौजूद था।
कहा जाता है कि इस पत्थर के लिए कई युद्ध हुए, लेकिन जब इस किले के राजा को लगा कि वह युद्ध हार जाएगा तो उसने पत्थर को किले में मौजूद तालाब के अंदर फेंक दिया। राजा ने किसी को यह नहीं बताया कि पारस ने पत्थर कहां छिपा रखा है। बाद में युद्ध के दौरान उनकी मृत्यु हो गई और देखते ही देखते यह किला भी वीरान होता चला गया।
कई राजाओं ने किले को खोदकर पारस पत्थर खोजने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। आज भी लोग रात में यहां पारस पत्थर की तलाश में तांत्रिकों को अपने साथ ले जाते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। इस किले और पारस पत्थर के बारे में यह कहानी भी प्रचलित है कि पत्थर की तलाश में यहां आने वाले बहुत से लोग अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, क्योंकि यहाँ के पारस पत्थर की रक्षा एक जिन्न करता है।
हालांकि पुरातत्व विभाग को अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चलता हो कि इस किले में पारस पत्थर मौजूद है, लेकिन सुनी-सुनाई कहानियों के कारण लोग चोरी-छिपे पारस पत्थर की तलाश में यहां पहुंच जाते हैं।