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भारत-यूके रिश्तों में नई ऊर्जा: डिफेंस से लेकर ट्रेड तक हुए कई अहम समझौते

नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को नई दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की गुरुवार को मुंबई में मुलाकात हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब भारत पर अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य वैश्विक साझेदारों के साथ रिश्ते मजबूत करने की रणनीति अपनाई है।

आर्थिक भगोड़ों पर सख्त रुख
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने आर्थिक भगोड़ों का मुद्दा उठाया और कहा कि दोनों देश कानूनी ढांचे के तहत इस पर ठोस कार्रवाई करें। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बैठक में डिफेंस, ट्रेड और आर्थिक सहयोग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण डील्स पर चर्चा हुई।

रक्षा क्षेत्र में हुए बड़े समझौते
भारत और ब्रिटेन ने रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई देने के लिए कई अहम समझौते किए। दोनों देशों ने भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए समुद्री इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम (Maritime Electric Propulsion Systems) के विकास में सहयोग पर सहमति जताई। इसके अलावा, ब्रिटेन भारत को हल्के मल्टीरोल मिसाइल सिस्टम (Lightweight Multirole Missile Systems) उपलब्ध कराएगा। यह समझौता ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूती देगा।

साथ ही, एक अन्य समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर अब यूके की रॉयल एयर फोर्स में ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र सुधार पर भी सहमति
दोनों नेताओं ने रिफॉर्म्ड मल्टीलेट्रलिज्म को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। कीर स्टार्मर ने भारत की स्थायी सदस्यता की आकांक्षाओं के लिए ब्रिटेन के पुराने समर्थन को दोहराया।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा
दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। इसके तहत इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव के तहत ‘रीजनल सेंटर फॉर मैरिटाइम सिक्योरिटी एक्सीलेंस’ की स्थापना का निर्णय लिया गया।

ट्रेड और टेक्नोलॉजी साझेदारी पर ध्यान
पीएम मोदी ने हाल ही में हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (Comprehensive Economic and Trade Agreement) को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह डील व्यापार, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देगी और दोनों देशों के उद्योगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी भारत और यूके ने कई पहल शुरू की हैं। इनमें कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संयुक्त अनुसंधान केंद्र और युवाओं के लिए इनोवेशन ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं।

महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग
बैठक में यूके-इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स प्रोसेसिंग एंड डाउनस्ट्रीम कोलैबोरेशन गिल्ड की स्थापना का भी ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत और विविध बनाना है, जिससे दोनों देशों में निवेश और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

आतंकवाद पर साझा रुख
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की। उन्होंने विशेष रूप से पहलगाम हमले की निंदा करते हुए आतंकवादी गतिविधियों के लिए उभरती तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने पर जोर दिया। दोनों देशों ने UN और FATF जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

Buland Hindustan

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