कुशीनगर में किशोरियों और युवतियों का घर से गायब होना बढ़ा, वन स्टॉप सेंटर में भीड़

कुशीनगर। कम उम्र की लड़कियां बहकावे में आकर अपने परिवार को बिना बताए अपनों से दूर जा रही हैं। कई बार ये संबंध कुछ महीने या सालों पुराने ही होते हैं, लेकिन इनके प्रभाव गंभीर हो रहे हैं। जिले में हर दिन औसतन आठ से दस लड़कियां घर छोड़कर चली जा रही हैं, जिनमें किशोरियां और युवतियां दोनों शामिल हैं।
सितंबर में जिले के विभिन्न थानों में 13 से 25 वर्ष आयु की 164 लड़कियों के घर से बिना बताए जाने की शिकायतें दर्ज हुईं। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर उनकी तलाश शुरू की। इनमें से 133 लड़कियों को हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार समेत अन्य राज्यों से पकड़ा गया और कानूनी प्रक्रिया के बाद उनके परिवारों को सौंपा गया।
जांच में पता चला कि लगभग सभी लड़कियां परिचित युवकों के साथ गई थीं। इनमें कुछ केवल तीन से छह महीने पुराने परिचित थे, जबकि कुछ एक या दो साल से जान-पहचान वाले थे। जुलाई और अगस्त में भी इसी तरह के मामले 200-300 के बीच दर्ज हुए।
एक दिन में दर्ज हो रहे 20 से अधिक बयानों की स्थिति
घर से गायब लड़कियों को पकड़ने के बाद पुलिस उनका मेडिकल करती है और फिर न्यायालय में बयान दर्ज कराती है। हाल के उदाहरण में बीते शुक्रवार 22 और सोमवार 23 लड़कियों के बयान दर्ज किए गए।
सगाई के दिन प्रेमी संग गायब हुई युवती
तुर्कपट्टी क्षेत्र में दो माह पूर्व एक युवती सगाई के दिन भोर में अपने प्रेमी के साथ चली गई। घर वालों ने पुलिस को सूचना दी कि सगाई की तैयारी में जुटी महिलाएं कमरे में गईं, लेकिन युवती वहां नहीं मिली। युवती ने सगाई के आभूषण, नकदी और अन्य कीमती सामान अपने साथ ले लिए। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर दोनों की तलाश शुरू की, लेकिन दो माह बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला।
वन स्टॉप सेंटर में भीड़
अधिकतर लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से कम है। न्यायालय में बयान दर्ज होने के बाद इन्हें वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। वर्तमान में सेंटर में लड़कियों की संख्या अधिक है, जिससे जगह की कमी जैसी स्थिति बन गई है।