
आगरा। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने आगरा कमिश्नरेट की एसओजी और सर्विलांस सेल को भंग कर दिया है। इसमें तैनात 23 पुलिसकर्मियों में से 14 को पूर्वी जोन और 9 को विभिन्न थानों में भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, सिकंदरा के इनामी अपराधी फारुख के गुपचुप जेल जाने और कोर्ट में आत्मसमर्पण करने को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है। हालांकि अधिकारियों ने इस बात से इन्कार किया है। आगरा कमिश्नरेट तीन जोनों—नगर, पूर्वी और पश्चिमी—में बंटा है। हर जोन में अपनी एसओजी और सर्विलांस सेल है। इसके अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की भी एक अलग एसओजी और सेल थी, जिसकी कमान प्रभारी जैकब फर्नांडिस के पास थी।
हाल ही में थाना सिकंदरा क्षेत्र में सराफ से लूट और हत्या के मामले में इनामी बदमाश फारुख ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था, जबकि पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की गई।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि प्रभार ग्रहण करने के बाद ही मैंने पाया था कि केंद्रीय एसओजी अनावश्यक है। हर जोन में अपनी एसओजी और सर्विलांस सेल है और डीसीपी उनकी मॉनिटरिंग करते हैं। अपराध पर थाने की पुलिस भी कार्रवाई करती है। ऐसे में अलग से केंद्रीय एसओजी की आवश्यकता नहीं थी। स्थानांतरण आदेश अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह ने जारी किए।