भारत का रक्षा निर्यात बना दुनिया का भरोसा, 100 से ज्यादा देश कर रहे हैं खरीदारी

नई दिल्ली। बीते एक दशक में भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में जबरदस्त छलांग लगाई है। आज भारत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को छोटे-मोटे रक्षा उत्पादों से लेकर अत्याधुनिक मिसाइलों तक की सप्लाई कर रहा है। भारत के क्लाइंट्स की सूची में अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे ताकतवर देशों के साथ-साथ इटली सहित कई यूरोपीय देश भी शामिल हैं। यह उपलब्धि भारत की सार्वजनिक और निजी रक्षा कंपनियों की साझेदारी से संभव हुई है।
अमेरिका और फ्रांस बड़े ग्राहक
भारत से रक्षा उपकरण खरीदने वाले देशों में अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया सबसे प्रमुख हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका भारत से विमानों और हेलीकॉप्टरों की बॉडी (fuselage), विंग्स और अन्य पार्ट्स खरीद रहा है। इनका इस्तेमाल दुनिया की सबसे बड़ी हथियार निर्माता कंपनियां—लॉकहीड मार्टिन और बोइंग—कर रही हैं।
वहीं, फ्रांस भारत से कई तरह के सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आयात कर रहा है, जिनका इस्तेमाल फाइटर जेट और अन्य रक्षा तकनीकों में किया जा रहा है।
9 साल में 15 गुना बढ़ा रक्षा निर्यात
भारत के रक्षा उत्पादों की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। बीते 9 वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात 15 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये पहुंच चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाए।
भारत के सबसे लोकप्रिय हथियार
दुनिया की सेनाओं के बीच भारत के कई हथियार और सैन्य उपकरण पसंदीदा बन चुके हैं। इनमें प्रमुख हैं—
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
- आर्टिलरी गन
- ड्रोनियर-228 एयरक्राफ्ट
- चेतक हेलीकॉप्टर
- रडार
- आकाश एयर डिफेंस मिसाइल
- पिनाका रॉकेट सिस्टम
- बख्तरबंद वाहन
- बुलेटप्रूफ जैकेट
- कॉम्बैट बूट
- इंटरसेप्टर बोट
- टॉरपीडो
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता
रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भी भारत ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश का रक्षा उत्पादन पिछले साल की तुलना में 18% बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इसी दौरान रक्षा मंत्रालय ने दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के रक्षा निर्माण का ठेका दिया, जिसमें से 81% ठेके स्वदेशी कंपनियों को मिले।
इससे साफ है कि भारत न केवल रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक हथियारों के बाजार में भी ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।