
“ॐ नमः शिवाय” का जाप भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। यह पंचाक्षरी मंत्र (पाँच अक्षरों वाला) है — “न”, “म”, “शि”, “वा”, “य” — जो शिव के पंचतत्त्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) को भी दर्शाता है।
“ॐ नमः शिवाय” जाप क्यों किया जाता है?
1. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए
यह शिव जी का सबसे प्रिय मंत्र है। इसके नियमित जाप से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और सभी दुखों का नाश होता है।
2. मन और आत्मा की शुद्धि के लिए
यह मंत्र मन को शांत, नकारात्मक विचारों का नाश, और आत्मा को जागृत करता है।
3. सभी पापों से मुक्ति
शास्त्रों में कहा गया है कि इस मंत्र का जाप करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है।
4. सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ
यह मंत्र शरीर में सकारात्मक कंपन (vibrations) उत्पन्न करता है जिससे तनाव, भय, और चिंता कम होते हैं और मन स्वस्थ रहता है।
5. आध्यात्मिक उन्नति के लिए
साधकों के लिए यह मंत्र मुक्ति (मोक्ष) का मार्ग खोलता है। यह आध्यात्मिक साधना का मूल मंत्र है।
“ॐ नमः शिवाय” का अर्थ
- ॐ — ब्रह्मांड की आदि ध्वनि, परमात्मा का प्रतीक
- नमः — नम्रता, समर्पण
- शिवाय — शिव को, जो कल्याणकारी हैं
पूरे मंत्र का अर्थ होता है:
“मैं शिव को नमन करता हूँ” या “मैं स्वयं को शिव को समर्पित करता हूँ”