
छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, देव आस्था और परंपरा का प्रतीक नारायणपुर जिले के ओरछा क्षेत्र का ऐतिहासिक माता मावली मेला आज श्रद्धा और उल्लास के साथ शुरू हुआ। पांच दिवसीय मेले की शुरूआत माता मावली मंदिर में पारंपरिक पूजा-अर्चना और परघाव (देवताओं के स्वागत की परंपरा) के साथ हुई। आसपास के गांवों से आए स्थानीय देवी-देवताओं के प्रतीक स्वरूप डंगई, लाठ, डोली और छत्र के साथ भव्य जुलूस निकाला गया। मेला स्थल पर पहुँचकर ढाई परिक्रमा की रस्म पूरी की गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की।

मेला स्थल पर माता मावली, कोट गुड़ीन, शीतला माता, कोकोड़ी करीन, तेलवाड़ीन माता, कंकालीन माता, सोनकुंवर, भीमादेव सहित कई स्थानीय देवी-देवताओं का भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने गहरे भाव से सिरहा, पुजारियों और गायता (पारंपरिक पुजारी वर्ग) के साथ मिलकर अनुष्ठानिक पूजाएं कीं। पूरे मेले में आस्था और भक्ति का माहौल बना हुआ है।
आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्था का प्रतीक
इस ऐतिहासिक मेले में 19 से 23 फरवरी 2025 तक हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 20 फरवरी को बस्तर संस्कृति ग्रुप लोक रंग (सिद्धार्थ महाजन), 21 फरवरी को अनुराग शर्मा स्टार नाइट एंड ग्रुप, 22 फरवरी को रास परब एंड ग्रुप, जगदलपुर, 23 फरवरी को मल्लखंब डांस एकेडमी और नितिन दुबे सुपर स्टार नाइट का कार्यक्रम होगा।

मावली मेला इस क्षेत्र का सबसे बड़ा लोकोत्सव होने के कारण इस बार भी इसकी भव्यता देखते ही बन रही है। मेला स्थल पर मीना बाजार, विभिन्न प्रकार के झूले, दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकानें, फैंसी बाजार, मिठाई की दुकानें लोगों को आकर्षित कर रही हैं। भारी संख्या में ग्रामीण और पर्यटक मेले का आनंद ले रहे हैं।
मावली मेले में सुरक्षा, पेयजल, बिजली और पार्किंग की पुख्ता व्यवस्थाएं जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की गई हैं। मेला स्थल पर पुलिस बल तैनात किया गया है। पर्याप्त संख्या में पेयजल टैंकर और अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था की गई है। पूरे मेला क्षेत्र में हाई-पावर लाइट और जनरेटर लगाए गए हैं। सुचारू यातायात प्रबंधन और वाहनों के लिए विशेष पार्किंग जोन बनाए गए हैं।