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सरस मेले से महिला समूहों की प्रतिभा को मिल रहा मंच : सांसद

रायगढ़ । रायगढ़ में 3 जनवरी से सरस मेले की शुरुआत हो गई। सांसद लोकसभा राधेश्याम राठिया व सांसद राज्यसभा देवेन्द्र प्रताप सिंह ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में सरस मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम पूनम सोलंकी, रवि भगत, सुभाष पाण्डेय, अरूणधर दीवान, श्रीकांत सोमावार, सतीश बेहरा, पंकज कंकरवाल, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, डीएफओ रायगढ़ स्टायलो मण्डावी सहित जनप्रतिनिधिगण, अन्य अधिकारी-कर्मचारी व महिला समूहों की सदस्य उपस्थित रहे।

इस मौके पर सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बहुत से योजनाएं संचालित हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा निरंतर कार्यरत है। जब एक महिला सक्षम होती है तो पूरा परिवार सक्षम होता है, आने वाली पीढिय़ों का भविष्य संवरता है। परिवार तरक्की की राह पर आगे बढ़ता है। सरस मेले में पूरे छत्तीसगढ़ के साथ अन्य प्रदेशों से पहुंची महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। यह महिला समूहों की प्रतिभा और परिश्रम को दिखाने का एक शानदार मंच है। यह रायगढ़ वासियों को इन हस्तनिर्मित उत्पादों को देखने और उपयोग के लिए खरीदने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही जो युवा वर्ग हैं, यहां की स्थानीय महिलाएं हैं जो अपना रोजगार शुरू करना चाहती हैं उन्हें भी प्रेरणा मिलेगी।

राज्यसभा सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह आयोजन हमारी संस्कृति एवं हस्तशिल्प का उत्सव ही नहीं बल्कि इसे तैयार करने वाली हमारी माताओ-बहनों की रचनात्मकता को सराहने का अवसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही है। प्रदेश में भी इन योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है, जिसका लाभ महिलाएं उठा रही है। ये योजनाएं आज महिलाओं की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव व परिवर्तन का प्रतीक बनकर उभरी हैं।

सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को एक मंच प्रदान करने के लिए सरस मेले का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश में यह आयोजन लगातार हो रहे है। पहले रायपुर व बस्तर के बाद रायगढ़ में सरस मेला 3 से 12 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के सभी जिलों के साथ अन्य राज्यों से पहुंची महिला समूहों के हस्त निर्मित उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे है। यहां समूहों द्वारा 200 से अधिक स्टॉल लगाए गए है। शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे हुए अतिथियों ने महिला समूहों के द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण कर उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने स्टॉल से महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद खरीदे व आयोजन को लेकर शुभकामनाएं भी दी।

प्रदेश के सभी जिलों के साथ अन्य राज्यों के हस्त निर्मित उत्पादों की लगी है प्रदर्शनी

इस मेले में पूरे से 08 राज्य (असम, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश) से महिला समूह के दीदियों के उत्पाद इस मेले में लोगों को आकर्षित कर रहे है, इसमें प्रमुख है पंजाब की फुलकारी सूट दुपट्टा आदि, आर्टिफिसियल ज्वैलरी, खादी के कुर्ती, जैकेट, सिल्क की साड़ी, हर्बल प्रोडक्ट और हैंड कढ़ाई की वस्तुएं शामिल है। साथ ही राज्य के सभी 33 जिलों से भी बिहान दीदियों द्वारा निर्मित उत्पाद विक्रय हेतु लगे हुए है। लाइव फूड स्टाल में बिहान की दीदियों द्वारा छत्तीसगढ़ के लोक व्यंजन जैसे फर्राह, चीला, बड़ा, ठेठरी, खुर्मी शामिल है। साथ ही बच्चों के खेलने हेतु ट्रमपोलिन और झूला भी समूह की दीदियों द्वारा लगाया गया है जो बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

महिला समूहों की क्रीड़ा स्पर्धा भी हो रही आयोजित, शाम को होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

खेल-कूद में महिलाओं का बिहान बाक्स क्रिकेट प्रतियोगिता एवं बिहान बाक्स बेडमिंटन प्रतियोगिता प्रति दिवस प्रत्येक प्रतिनिधित्व ब्लॉक के चारों कलस्टर के बिहान दीदियों के मध्य प्रतिस्पर्धा की जाएगी। प्रति दिवस दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक बिहान की दीदियों का सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शाम 5 से 8 बजे तक स्थानीय लोक कलाकार एवं स्कूली बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। संपूर्ण आयोजन में सबसे अधिक विक्रय दर्ज कराने वाले स्टॉल और सबसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाने वाले स्टॉल को पुरस्कृत किया जाएगा। क्षेत्रीय सरस मेला में प्रत्येक दिवस को एक विकासखण्ड की दीदीयों द्वारा अगुवाई की जाएगी। इसमें मंच संचालन से लेकर समस्त सांस्कृतिक एवं खेल-कूद कार्यक्रम एवं आयोजन शामिल हैं।

Buland Hindustan

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