यहाँ ग्रीन प्लैनेट के बाप्पा को मन्नतें पूरा करने वाले गणपति के रूप में जाना जाता है।
ग्रीन प्लैनेट के बाप्पा, ओंकार नगर में 9 साल पहले 5 बच्चों (साहिल नथीले, यश नागपुरे, कृष्णा रंभाड, ओंकार पिंपळे, विराज अहेरराव) ने कॉलोनी से 1500 रुपये इकट्ठा कर गणराज रेसिडेंसी, ओंकार नगर में स्थापित किया था। कॉलोनी के सभी लोग, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सभी इसमें शामिल हुए थे। इन 5 बच्चों ने तय किया कि बाप्पा का नाम ‘ग्रीन प्लैनेट का बाप्पा’ होगा।
धीरे-धीरे लोग अपनी मन्नतें मांगने लगे और हर साल कई लोग मन्नत पूरी होने पर ज़िम्मेदारी निभाने लगे। पिछले साल जिन लोगों ने मन्नत मांगी थी, उन्होंने इस साल बाप्पा की मूर्ति खुद ऑर्डर की। आने वाले कई सालों के लिए मूर्ति बुकिंग हो चुकी है।
अब ये 5 बच्चे बड़े हो गए हैं, लेकिन समिति में 40 से 80 साल तक के लोग सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। समिति की एकता के कारण पूरी नागपुर में इस कॉलोनी की एकता की पहचान है। यह जगह प्रकृति से भरपूर है, जहां चारों तरफ पेड़-पौधे और हरियाली है, इसीलिए इसे ‘ग्रीन प्लैनेट कॉलोनी’ कहा जाता है।
बच्चों और बड़ों के लिए कई प्रकार के खेल और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सभी कॉलोनी के लोग मिलकर हिस्सा लेते हैं। महिला मंडल और बालगोपाल मंडल गणपति बाप्पा के आगमन से 2 महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। ये 10 दिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
हम यही प्रार्थना करते हैं कि ग्रीन प्लैनेट का बाप्पा सभी की मन्नतें पूरी करे, सबको स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि दे।